1971 में वेस्टइंडीज जैसी टीम को उसके घर में भारत ने न सिर्फ पहली बार मात दी, बल्कि कैरेबियाई धरती पर पहली बार सीरीज पर कब्जा भी जमाया. इसी सीरीज में मुंबई के एक ऐसे खिलाड़ी ने पदार्पण किया था, जिसने अपनी पहली ही सीरीज में इतने रन बना डाले कि आज भी यह रिकॉर्ड बरकरार है. जी हां ! बात हो रही है दुनिया के सर्वकालिक महान सलामी बल्लेबाजों में शुमार 'लिटिल मास्टर' सुनील गावस्कर की. आज (10 जुलाई) उनका जन्मदिन है. वह 71 साल के हो गए.
पांच फुट पांच इंच के सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ उस सीरीज में 4 टेस्ट मैचों में खेलकर रिकॉर्ड 774 रन (दोहरा शतक सहित 4 शतक और तीन अर्धशतक) बनाए थे, जो आज भी डेब्यू करते हुए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड है.
💥 First batsman to score 10,000 Test runs
💥 First batsman to score centuries in both innings of a Test thrice
💥 Held the record for most number of Test tons until 2005
💥 First India fielder to claim 100 Test catches
Happy birthday to legendary cricketer Sunil Gavaskar 🎉 pic.twitter.com/eyMqeSf54n
— ICC (@ICC) July 10, 2020
बचपन में सुनील गावस्कर के साथ अस्पताल में एक ऐसी घटना हुई, जो उनकी पूरी जिंदगी बदल सकती थी और शायद वह क्रिकेटर भी नहीं बन पाते. गावस्कर के क्रिकेट करियर से जुड़े बहुत से किस्से हैं, लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
Sunil Gavaskar made a record 34 Test hundreds (Getty)
दरअसल, सुनील गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'Sunny Days' में बताया है कि 'मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती... अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते.'
गावस्कर ने बताया, 'जब मेरा जन्म हुआ तब वो (जिन्हें बाद में मैं नन-काका कहकर बुलाता था) अस्पताल मुझे देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा था.'
गावस्कर ने बताया, 'अगले दिन वो फिर अस्पताल आए और उन्होंने जिस बच्चे को गोद में उठाया, उस बच्चे के कान पर वो निशान नहीं मिला. इसके बाद पूरे अस्पताल में बच्चों को चेक किया गया. जिसके बाद मैं उन्हें मछुआरे की पत्नी के पास सोता हुए मिला.'
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गावस्कर ने बताया, 'अस्पताल की नर्स ने गलती से मुझे वहां सुला दिया था. गावस्कर का कहना है कि शायद बच्चों को नहलाते समय वह बदल गए थे. अगर उस दिन चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता, तो हो सकता था कि मैं आज मछुआरा होता.'
सुनील गावस्कर ने 16 साल (1971-1987) के अपने टेस्ट करियर में 34 शतकों के साथ 10,122 रन (125 टेस्ट) बनाए. उनकी बल्लेबाजी औसत 51.12 की रही. उनके 34 शतकों का रिकॉर्ड 2005 में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा था. गावस्कर ने 108 वनडे इंटरनेशनल में में 35.13 की औसत से 3092 रन बनाए. वनडे में उनके बल्ले से एक ही शतक निकला, वो भी 107वें मैच में.
1974 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में गावस्कर (Getty)
7 मार्च, 1987 का दिन सुनील गावस्कर और क्रिकेट इतिहास के लिए बेहद खास है क्योंकि इस दिन उनके बल्ले से टेस्ट क्रिकेट का 10,000वां रन निकला था. टेस्ट में 10 हजार रन के आंकड़े को छूने वाले वह पहले क्रिकेटर रहे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपने 124वें टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी.
सुनील गावस्कर तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले पहले क्रिकेटर रहे. उन्होंने 1971 की अपनी डेब्यू सीरीज के दौरान वेस्टइंडीज के घातक गेंदबाजों के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट की पहली पारी में 124 रन बनाए और दूसरी पारी में दोहरा शतक (220) जड़ दिया था. पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में दोहरा शतक जड़ने का यह दुर्लभ कारनामा रहा.