Sudhir Naik Passed Away: वनडे क्रिकेट में भारत के लिए पहला चौका लगाने वाले दिग्गज सुधीर नाइक अब दुनिया को अलविदा कह गए हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को पूर्व सलामी बल्लेबाज सुधीर नाइक के निधन पर शोक व्यक्त किया. बीसीसीआई ने कहा कि उनके क्रिकेट के प्रति जुनून के कारण कई क्रिकेटरों का करियर बना और वह आगे भी भावी क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे.
भारत की तरफ से 3 टेस्ट और 3 वनडे मैच खेलने वाले नाइक का बुधवार (5 अप्रैल) को मुंबई के एक अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया था. वह 78 साल के थे और उनके परिवार में एक बेटी है.
1971 रणजी ट्रॉफी में रचा था इतिहास
नाइक ने अपने करियर में कई मुकाम हासिल किए हैं. सुधीर के नाम भारत के लिए वनडे में पहला चौका लगाने का भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड है. उन्होंने यह उपलब्धि 1974 में लीड्स के हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में हासिल की थी. इसके अलावा सुधीर और भी कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड के लिए जाने जाते हैं.
सुधीर ने अपनी ही कप्तानी में मुंबई टीम को 1970-71 में रणजी ट्रॉफी का खिताब भी जिताया था. यह उस समय इतना आसान नहीं था, क्योंकि मुंबई की टीम उस रणजी सीजन में सुनील गावस्कर, अजीत वाडेकर, दिलीप सरदेसाई और अशोक मांकड़ जैसे स्टार खिलाड़ियों के बगैर उतरी थी. ऐसे में सुधीर के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी थी.
सुधीर ने 1971 सीजन में मुंबई को चैम्पियन तो बना दिया, लेकिन अगले ही रणजी सीजन से उन्हें प्लेइंग-11 से ड्रॉप कर दिया गया था. इसकी बड़ी वजह थी कि टीम में मुख्य बल्लेबाज वापस आ गए थे. ऐसे में सुधीर को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था.
BCCI अध्यक्ष और सचिव ने दुख जताया
बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, 'सुधीर नाइक के निधन से हमें गहरा दुख हुआ है. खेल के प्रति दशकों में उनका योगदान उन सभी को प्रेरित करेगा जो इस खेल को अपनाना चाहते हैं.' बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, 'सुधीर नाइक के निधन की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं. यह बहुत बड़ा नुकसान है. मैं उनके परिवार, मित्रों और मुंबई क्रिकेट संघ में प्रत्येक के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'नाइक वास्तव में क्रिकेट के प्रति जुनूनी थे और उन्होंने एक क्रिकेटर, कोच, क्यूरेटर और प्रशासक के रूप में इस खेल की सेवा की. किसी खिलाड़ी की प्रतिभा पर उनकी पैनी नजर रहती थी और उन्होंने कई क्रिकेटरों का करियर संवारा.'