ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे को देखते हुए बीसीसीआई ने मोहम्मद शमी को रणजी मैच की पारी में 15 से 17 ओवरों से अधिक गेंदबाजी नहीं करने की हिदायत दी थी, लेकिन बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने 26 ओवर फेंकने के बाद कहा कि यह उनका ‘खुद का फैसला’ था.
शमी ने मैच के दूसरे दिन 26 ओवरों में 100 रन देकर तीन विकेट लेने के बाद कहा, ‘जब आप अपने राज्य के लिए खेलते हैं, तो आपको जिम्मेदारी निभानी होती है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छा महसूस कर रहा था और कोई परेशानी नहीं थी. विकेट से मदद मिल रही थी, इसलिए मैं जितनी गेंदबाजी कर सकता था उतना किया. यह मेरा खुद का फैसला था.’
शमी की तुलना में बंगाल के नियमित स्ट्राइक गेंदबाज अशोक डिंडा ने 19 और युवा ईशान पोरेल तथा मुकेश कुमार ने क्रमश: 18 और 14 ओवर फेंके. शमी में कहा कि अभ्यास की जगह मैच में गेंदबाजी करना अच्छा होता है.
उन्होंने कहा, ‘कहीं और अभ्यास करने से अच्छा होता है कि आप अपनी टीम और राज्य के लिए गेंदबाजी करें. आप यहां जितनी गेंदबाजी करेंगे ऑस्ट्रेलिया में उतनी मदद मिलेगी. यह अच्छी तैयारी है. मेरे लिए मैच में गेंदबाजी करना तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका है. मैं कभी भी ऐसा ही चाहूंगा.’
शमी ने इस साल नौ टेस्ट में भारत के लिए सबसे ज्यादा 33 विकेट चटकाए हैं, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की बार्डर-गावस्कर सीरीज में भारत को पहला टेस्ट छह दिसंबर से एडिलेड में खेलना है.
शमी ने कहा, ‘मैंने अच्छी तैयारी की है, अच्छी ट्रेनिंग की है. वहां मुझे अभ्यास मैच में खेलना है, मैं टेस्ट के लिए तैयार रहूंगा.’ बंगाल के कोच साइराज बहुतुले ने भी शमी का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘वह गेंदबाजी करना चाहता था, इसलिए उसने गेंदबाजी जारी रखी. किसी ने उस पर दबाव नहीं डाला.’
शमी की गेंदबाजी के बाद भी केरल ने बंगाल के खिलाफ पहली पारी में 144 रनों की बढ़त हासिल की. दूसरी पारी में बंगाल की टीम अभी 139 रनों से पीछे है और उसके नौ विकेट शेष हैं.