भारत के घरेलू स्तर पर सभी टेस्ट मैचों को खेलना तेज गेंदबाज उमेश यादव के लिए बेहद मददगार साबित हुआ. इसके अलावा, भारत के लिए इन मैचों में नियमित रूप से खेलने पर उन्हें अपनी मजबूती और कमजोरियों का भी पता चला, ताकि वह उनमें सुधार कर सकें.
गांगुली ने माना भारत के लम्बे घरेलू सीजन की खोज है उमेश
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में आठ पारियों में 23.41 की औसत से 17 विकेट लेने वाले गेंदबाज उमेश यादव भारतीय तेज गेंदबाजी का मुख्य आधार रहे हैं. इस प्रदर्शन के जरिए उमेश यादव ने यह भी दर्शाया कि भारतीय गेंदबाजी में अब तेज गेंदबाजों की कमी नहीं है. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली सहित कई लोगों का यह आंकलन रहा कि यादव भारत के सबसे लंबे घरेलू सत्र की नई खोज हैं.
ज्यादा गेंदबाजी करने से बेहतर हुए उमेश
आईपीएल के 10वें सीजन में धर्मशाला टेस्ट मैच में दिखी फार्म को बनाए रखने के बारे में यादव ने कहा, “यह सब मेरी कड़ी मेहनत के कारण है. पिछले आठ से 10 माह में मैं नियमित तौर पर भारतीय टीम के लिए खेल रहा हूं. जितनी अधिक आप गेंदबाजी करते हैं, उतना ही आप बेहतर होते हैं.”
उमेश ने माना गेंदबाज के तौर पर अपनी कमजोरियों और ताकत का है पता
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में शामिल यादव ने ईडन गार्डन्स में गुरुवार देर रात किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खेले गए मैच में चार विकेट लेकर कोलकाता टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. यादव ने कहा, “नियमित रूप से खेलने पर एक गेंदबाज की लय में सुधार आता है. मुझे लगता है कि जितने भी मैच मैंने खेले हैं, उससे मेरा प्रदर्शन और भी बेहतर हुआ है. अब मुझे अपनी मजबूती और कमजोरियों के बारे में पता है.”
संजय बांगर और अनिल भाई की टिप्स काम आई
अपने कोचिंग स्टाफ के बारे में यादव ने कहा, “पिछले 10 माह में हमारे कोच संजय बांगर, अनिल कुंबले के कारण मुझे गेंदबाजी के बारे में कई चीजें सीखने को मिली. संजय सर ने मुझे बताया कि जब आप गेंदबाजी करते हो, तो कभी-कभी आपको गेंद तेज डालने के लिए जरूरत से अधिक तेज भागना पड़ता है. इसके बाद आप दिशा और लम्बाई को ताक पर रखते हो. ऐसे में आपको अपने रन-अप को लुत्फ लेना चाहिए. इसका फायदा यह होगा कि आपकी गेदों की दिशा और लम्बाई सही बनी रहेगी.” कोलकाता टीम का अगला मुकाबला शनिवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ होगा.