आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की भिड़ंत ऑस्ट्रेलिया से होगी. 26 मार्च को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ये दोनों टीमें आमने-सामने होंगी. वर्ल्ड कप की बात करें तो भारत अब तक 10 बार ऑस्ट्रेलिया से भिड़ चुका है. इनमें से 7 मुकाबलों में कंगारुओं की जीत हुई जबकि भारत के खाते में सिर्फ तीन जीत आई है. अगले गुरुवार को होने वाले मुकाबले से पहले एक नजर वर्ल्ड कप में हुए भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच पर....
1983 वर्ल्ड कपः पहली भिड़ंत में भारत की शर्मनाक हार
1983 के वर्ल्ड कप में दोनों टीमें पहली बार आमने-सामने आईं. यह मुकाबला 13 जून 1983 को नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर हुआ. 60 ओवर के मुकाबले ने ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट पर 320 रन बनाए. भले ही कपिल देव ने 12 ओवर में 43 रन खर्चकर 5 विकेट झटके. पर ओपनर ट्रेवर चैपल (110) की शतकीय पारी के बूते ऑस्ट्रेलिया बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहा. इसके जवाब में भारतीय टीम सिर्फ 158 रन पर ऑलआउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया के लिए केन मैक्ले ने 39 रन खर्चकर 6 विकेट झटके.
प्लेयर ऑफ द मैचः ट्रेवर चैपल
1983 वर्ल्ड कपः एक हफ्ते बाद ही ऑस्ट्रेलिया को पीटा
1983 के वर्ल्ड कप में ही दोनों टीमें चेम्सफॉर्ड के काउंटी ग्राउंड में दूसरी बार भिड़ीं. इस बार में भारत ने बाजी मारी. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 247 रन बनाए. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 38.2 ओवर में 129 रन पर ढेर हो गई. इस मुकाबले में रोजर बिन्नी (4/29) और मदन लाल (4/20) ने कंगारुओं की पोल खोलकर रख दी.
प्लेयर ऑफ द मैचः रोजर बिन्नी
1987 वर्ल्ड कपः रोमांचक मुकाबले में हारा भारत
चेन्नई स्थित एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला बेहद ही रोमांचक रहा. ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में भारत को सिर्फ एक रन से हरा दिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए ओपनर ज्यॉफ मार्श के 110 रन के बूते ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट पर 270 रन बनाए. कृष्णमचारी श्रीकांत की शानदार 70 रन और नवजोत सिंह सिद्धू के तूफानी 73 रनों के बावजूद टीम इंडिया 49.5 ओवर में 269 रन पर ऑल आउट हो गई. टीम इंडिया के लिए आखिरी विकेट मनिंदर सिंह का गिरा, उन्हें स्टीव वॉ ने क्लीन बोल्ड कर दिया.
प्लेयर ऑफ द मैचः ज्यॉफ मार्श
1987 वर्ल्ड कपः भारत ने हार का बदला लिया
22 अक्टूबर 1987 को दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में खेले गए मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 56 रनों से हरा दिया. सुनील गावस्कर, नवजोत सिंह सिद्धू, दिलीप वेंगसरकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन की अर्धशतकीय पारी के बूते भारत ने 6 विकेट पर 289 रन बनाए. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम में 49 ओवर में 233 रन पर ढेर हो गई. इस मुकाबले में मनिंदर सिंह ने 34 रन खर्चकर तीन विकेट लिए. हालांकि टीम इंडिया की ओर चौंकाने वाला प्रदर्शन मोहम्मद अजहरुद्दीन ने किया जिन्होंने 19 रन देकर तीन विकेट लिए.
प्लेयर ऑफ द मैचः मोहम्मद अजहरुद्दीन
1992 वर्ल्ड कपः फिर हुआ रोमांचक मुकाबला
1 मार्च 1992 को ब्रिस्बेन क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए इस मुकाबले को ऑस्ट्रेलिया ने एक रन से जीत लिया. डीन जोन्स के 90 रनों के बूते ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट पर 237 रन बनाए. भारत के लिए कपिल देव और मनोज प्रभाकर ने तीन-तीन विकेट लिए. भारतीय पारी के 17वें ओवर के दौरान बारिश आ जाने के कारण टार्गेट को रिवाइज किया गया. इसके बाद भारत को 47 ओवर में 236 रन का टार्गेट मिला. लेकिन भारतीय टीम 47 ओवर में 234 रनों पर ऑलआउट हो गई. इस मैच में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 93 रनों की शानदार पारी खेली थी.
प्लेयर ऑफ द मैचः डीन जोन्स
1996 वर्ल्ड कपः सचिन आउट और मैच खत्म
27 फरवरी 1996 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की 16 रनों से जीत हुई. पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने मार्क वॉ (126) और मार्क टेलर (59) की बेहतरीन पारियों के बूते 258 रन बनाए. जवाब में टीम इंडिया 48 ओवर में 242 रन ही बना सकी. सचिन तेंदुलकर जब तक क्रीज पर मौजूद थे तब तक टीम इंडिया के लिए जीत की उम्मीद थी लेकिन मार्क वॉ ने ऑफ स्टंप के बाहर वाइड गेंद फेंककर सचिन को स्टंप आउट करा लिया. इसके बाद ज्यादातर बल्लेबाज कुछ खास कमाल नहीं कर सके.
प्लेयर ऑफ द मैचः मार्क वॉ
1999 वर्ल्ड कपः अजय जडेजा का शतक बेकार
लंदन के कैनिंग्टन ओवल मैदान पर 4 जून 1999 को खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर 77 रनों से जीत दर्ज की. ऑस्ट्रेलिया की ओर मार्क वॉ (83) ने अकेले बड़ा स्कोर बनाया पर टीम निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट पर 282 रन बनाने में सफल रही. भारत की ओर से अजय जडेजा ने नाबाद 100 रन बनाए और उन्हें साथ मिला रॉबिन सिंह का, जिन्होंने 75 रन की जुझारू पारी खेली. लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सका. ग्लेन मैकग्रा ने सचिन तेंदुलकर (0), राहुल द्रविड़ (2) और अजहरुद्दीन (3) को अपना शिकार बनाकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी. एक वक्त पर टीम इंडिया का स्कोर मात्र 17 रन पर 4 विकेट था. इस मुकाबले में टीम इंडिया 48.2 ओवर में 205 रन ऑलआउट हो गई.
प्लेयर ऑफ द मैचः ग्लेन मैकग्रा (3/34)
2003 वर्ल्ड कपः जेसन गिलेस्पी का कमाल
15 फरवरी 2003 को सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क मैदान पर खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को रौंद डाला. गिलेस्पी ने रन देने के मामले में गजब कंजूसी दिखाई. 10 ओवर में सिर्फ 13 रन देकर 3 बल्लेबाजों को पवेलियन लौटाया. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और मोहम्मद कैफ को अपना शिकार बनाया. भारत पहले बल्लेबाजी करके मात्र 125 रन ही बना सका. ऑस्ट्रेलिया ने 126 रनों के लक्ष्य को मात्र 22.2 ओवर में हासिल कर लिया.
प्लेयर ऑफ द मैच- जेसन गिलेस्पी
2003 वर्ल्ड कप फाइनलः रिकी पोंटिंग ने भारत के सपनों को चकनाचूर कर दिया
इस वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला जोहानसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में 23 मार्च 2003 को खेला गया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने रिकी पोंटिंग के 140 रन के बूते निर्धारित 50 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 359 रन बनाए. फाइनल में इतने बड़े लक्ष्य के दबाव में टीम इंडिया की बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई. भले ही वीरेंद्र सहवाग ने जुझारू 80 रन बनाए पर यह जीत के लिए नाकाफी थी. भारत यह मैच 125 रनों से हारा, साथ ही 24 साल बाद टूर्नामेंट जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया.
प्लेयर ऑफ द मैचः रिकी पोंटिंग
2011 वर्ल्ड कपः चैंपियन बनने की राह में कंगारुओं को पछाड़ा
अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में एक बार फिर रिकी पोंटिंग ने शतकीय पारी खेली, लेकिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया. भारत को 261 रनों का लक्ष्य मिला. सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर और युवराज सिंह ने अर्धशतकीय पारी खेलकर जीत की नींव रखी. सुरेश रैना ने 28 गेंदों में नाबाद 34 रनों की उपयोगी पारी खेली और युवराज के साथ मिलकर कंगारुओं को पटखनी देने का काम किया.
प्लेयर ऑफ द मैच- युवराज सिंह