scorecardresearch
 

Virat Kohli Captaincy: 'अब गांगुली के जवाब देने की है बारी...' कप्तानी विवाद पर बोले रवि शास्त्री

पिछले साल दिसंबर में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने विराट कोहली से वनडे कप्तानी छीन ली थी. वनडे कप्तानी से हटाए जाने के बाद भारतीय क्रिकेट में भूचाल आना स्वाभाविक था. विराट कोहली के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान के बाद यह विवाद और गहरा गया था.

Advertisement
X
Shastri-kohli (getty)
Shastri-kohli (getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कप्तानी विवाद में हुई रवि शास्त्री की एंट्री 
  • शास्त्री ने गांगुली से जवाब देने की मांग की 

Virat Kohli Captaincy: पिछले साल दिसंबर में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने विराट कोहली से वनडे कप्तानी छीन ली थी. वनडे कप्तानी से हटाए जाने के बाद भारतीय क्रिकेट में भूचाल आना स्वाभाविक था. विराट कोहली के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान के बाद यह विवाद और गहरा गया था.

कोहली ने बीसीसीआई अध्यक्ष के उस बयान का खंडन किया था, जिसमें गांगुली ने कहा कि उन्होंने कोहली को टी20 नहीं छोड़ने की सलाह दी थी. चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने भी वनडे टीम सेलेक्शन के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांगुली के शब्दों को दोहराया था. चेतन ने कहा था कि ‌टी20 विश्व कप के लिए सेलेक्शन मीटिंग में उपस्थित सभी लोगों ने टी20 कप्तानी छोड़ने को लेकर कोहली से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.

अब इस पूरे विवाद में भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री की भी एंट्री हो गई है. शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली अपना पक्ष रख चुके हैं. ऐसे में अब सौरव गांगुली को भी अपना मत रखना चाहिए.

'... दोनों तरफ से संवाद होना जरूरी है'

शास्त्री ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से एक वीडियो इंटरव्यू में कहा, 'इस मामले को बेहतर कम्युनिकेशन के साथ हैंडल किया जा सकता था. पब्लिक डोमेन में बात सामने आने की बजाए अगर संवाद होता तो यह बेहतर रहता. विराट कोहली अपने पक्ष की कहानी को बता चुके हैं. अब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को चाहिए कि वो इस मामले पर स्पष्टीकरण दें और अपना पक्ष बताएं.‌ सवाल यह नहीं है कि कौन झूठ बोल रहा है, प्रश्न यह है कि सच क्या है. हम सच जानना चाहते हैं और मुझे लगता है कि यह बातचीत से ही सामने आ सकता है. दोनों तरफ से संवाद होना जरूरी है. एक पक्ष ने अपनी तरफ से बात कह दी है.'

Advertisement

'विराट और मेरे बीच बेहतरीन रिश्ता रहा'

अपनी कोचिंग के दौरान रवि शास्त्री पर कोहली की हां में हां मिलाने के आरोप लगते थे. इसे लेकर शास्त्री ने कहा, 'मैं इस तरह की बातों को महत्व नहीं देता हूं. लोगों को अपनी बात कहने, लिखने और अनुमान लगाने का अधिकार है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं भी इसमें शामिल हो जाऊं. विराट और मेरे बीच बेहतरीन रिश्ता रहा. समान विचारधारा वाले दो लोग प्रोफेशनल तरीके से अपना काम कर रहे थे.

शास्त्री ने कहा, 'एक कोच के रूप में सबसे कठिन कामों में से एक टीम का चयन है, लेकिन जिन सात वर्षों में मैं इस चीज में शामिल था, उसमें टीम में एक खिलाड़ी को चुनने के लिए मेरा कोई एजेंडा नहीं था. बिल्कुल जीरो एजेंडा. अगर मुझे लगता है कि कोई खिलाड़ी फॉर्म में है, वह टीम के लिए अच्छा है तो अतीत और अनुभव को भी देखते हुए मैं कप्तान या प्रबंधन को बता देता. मैं अपनी राय मुख्य रूप से टीम की हितों के आधार पर दूंगा ना कि व्यक्तिगत आधार पर.'

 
 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement