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Team India Lord's Test Victory: जब टीम इंडिया ने 11वें प्रयास में लॉर्ड्स में हासिल की जीत, दिलीप वेंगसरकर ने रचा था इतिहास

लॉर्ड्स में भारतीय टीम अबतक महज तीन टेस्ट मैच जीत पाई है.  पिछले साल विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने लॉर्ड्स में अपनी तीसरी टेस्ट जीत हासिल की थी.

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दिलीप वेंगसरकर (Getty)
दिलीप वेंगसरकर (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आज ही के दिन भारत ने रचा था इतिहास
  • इंग्लैंड को लॉर्ड्स में भारत ने दी थी मात

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 10 जून का खास महत्व है. इसी दिन 36 साल पहले टीम इंडिया को पहली बार लॉर्ड्स के मैदान पर जीत हासिल हुई थी. कपिल देव की अगुवाई में टीम इंडिया ने 10 जून 1986 को इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया था. क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में भारत को 11वें प्रयास में जीत मिली थी.

इसके बाद भारत ने लॉर्ड्स में अपनी दूसरी टेस्ट जीत जुलाई 2014 में दर्ज की, जब एमएस की अगुवाई में उसने इंग्लैंड को 95 रनों से हराया था. पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने लॉर्ड्स में अपनी तीसरी टेस्ट जीत (151 रन) हासिल की थी.

दिलीप वेंगसरकर की रिकॉर्डतोड़ पारी

कपिल देव ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था. ग्राहम गूच (114 रन) के शतक की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 294 रन बनाए. भारत की ओर से चेतन शर्मा ने पांच और रोजर बिनी ने तीन विकेट लिए. जवाब में भारत ने 347 रन बनाकर 47 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की. दिलीप वेंगसरकर ने नाबाद 126 और मोहिंदर अमरनाथ ने 69 रनों की पारियां खेली थी. इसी के साथ वेंगसरकर लॉर्ड्स में लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे. उन्होंने 1979 में 103, 1982 में 157 और 1986 में 126* रनों की पारी खेली थी.

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कपिल देव ने सिक्सर मारकर दिलाई जीत 

इसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी महज 180 रनों पर सिमट गई थी. भारत के लिए कपिल देव ने चार और मनिंदर सिंह ने तीन विकेट चटकाए थे.  134 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 78 रन पर चार विकेट और फिर 110 रन पर 5 विकेट हो गया था. फिर कपिल देव ने अपने ऊपर जिम्मेदारी लेते हुए महज 10 गेंदों पर 23 रन कूट डाले. कपिल देव ने फिल एडमंड्स की गेंद सिक्स लगाकर शानदार अंदाज में भारत को जीत दिलाई थी. भारत ने 136 रन बनाकर पांच विकेट से मैच जीत लिया था. कपिल भले ही मैन ऑफ द मैच रहे थे, लेकिन जीत के असली हीरो तो दिलीप वेंगसरकर ही थे.

लॉर्ड्स में 54 साल बाद मिली पहली जीत 

भारत के टेस्ट मैचों का सफर लॉर्ड्स से ही शुरू हुआ था. साल 1932 में भारत को अपने पहले टेस्ट में 158 रनों से हार मिली थी. भारत ने यहां लगातार शुरुआती 6 टेस्ट (1932-1967) गंवाए. 1971 में पहली बार भारत मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था. लेकिन 1974 के अगले दौरे में एक बार फिर भारत को हार का सामना करना पड़ा. 1979 में एक बार फिर से मैच ड्रॉ रहा, लेकिन 1982 में एक और हार मिली. आखिरकार 1986 में भारत ने लॉर्ड्स में पहली जीत हासिल की. लॉर्ड्स में भारत ने अब तक 19 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल तीन मैचों में उसे जीत मिली है, जबकि 12 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है.

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लीड्स टेस्ट जीतकर रचा था इतिहास

कपिल देव की अगुवाई वाली टीम ने इसके बाद लीड्स में दूसरा टेस्ट 279 रनों से जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त ले ली थी. बर्मिंघम में खेला गया तीसरा और अंतिम टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ था. भारत टीम की इंग्लिश धरती पर यह महज दूसरी सीरीज जीत थी. इससे पहले 1971 में अजीत वाडेकर की अगुवाई में भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम किया था.

पहले दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहने के बाद ओवल में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को भारत ने 4 विकेट से जीता था. आखिरी बाएं भारत ने साल 2007 में इंग्लैंड की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीता था. राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने उस सीरीज के पहले और तीसरे मैच को ड्रॉ कराया था, जबकि नॉटिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट को 7 विकेट से जीता था.

 

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