क्रिकेट इतिहास में 1 मार्च का दिन काफी खास है. 66 साल पहले यानी साल 1958 में इसी दिन वेस्टइंडीज के महान ऑलराउंडर गैरी सोबर्स ने किंग्स्टन के सबीना पार्क मैदान पर इतिहास रच दिया था. तब सोबर्स ने महज 21 साल की उम्र में अपने पहले ही शतक को ट्रिपल सेंचुरी में तब्दील करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 365 रन बना डाले थे.
सोबर्स तब टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे. इससे पहले टेस्ट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड इंग्लैंड के लेन हटन के नाम था, जिन्होंने 1938 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवल में 364 रन बनाए थे. 36 साल बाद 1994 में ब्रायन लारा ने 375 रन बनाकर सोबर्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. लारा के नाम ही टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी (400*) खेलने का रिकॉर्ड है. खैर जो भी हो, टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में तिहरा शतक बनाने का सर गैरी का रिकॉर्ड आज भी बरकरार है.
#OnThisDay in 1958, Garry Sobers made a then world record 365* against Pakistan in Kingston - his maiden Test century! pic.twitter.com/kiYG2VuuIH
— ICC (@ICC) March 1, 2017
टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में तिहरा शतक
1. गैरी सोबर्स (वेस्टइंडीज)- 365* रन, 21 साल 213 दिन, 1958
2. डॉन ब्रैडमैन (ऑस्ट्रेलिया)- 334 रन, 21 साल 318 दिन, 1930
3. लेन हटन (इंग्लैंड)- 364 रन, 22 साल 58 दिन, 1938
4. हनीफ मोहम्मद (पाकिस्तान)- 23 साल 27 दिन, 1958
5. ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज)- 375 रन, 24 साल 349 दिन, 1994
गैरी सोबर्स ने 365 रनों की नाबाद पारी के दौरान 10 घंटे और 14 मिनट बल्लेबाजी की थी. अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 38 चौके जड़े थे. सोबर्स ने कोनराड हंट (260) के साथ दूसरे विकेट के लिए 446 रनों की साझेदारी की थी. सोबर्स की इस धमाकेदार बल्लेबाजी के दम पर वेस्टइंडीज ने 3 विकेट पर 790 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी थी. यह टेस्ट इतिहास का चौथा और वेस्टइंडीज का सबसे बड़ा स्कोर है.
गैरी सोबर्स ने उस पारी में पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर खबर ली थी. बड़ी बात यह रही कि पाकिस्तानी गेंदबाजों में फजल महमूद और खान मोहम्मद को छोड़कर बाकी मुख्य गेंदबाज चोटिल हो गए थे. फजल महमूद ने 85.2 और खान मोहम्मद ने 54 ओवरों की गेंदबाजी की थी. वेस्टइंडीज उस टेस्ट को पारी और 174 रनों से जीतने में कामयाब रहा था.
सोबर्स के हाथों में 12 उंगलियां थीं
गैरी सोबर्स का जन्म 28 जुलाई 1936 को बारबाडोस में हुआ था. सोबर्स के दोनों हाथों में जन्म से ही एक-एक उंगली ज्यादा थी, यानी कुल मिलाकर 12 उंगलियां उनके हाथों में थीं. 'गैरी सोबर्स : माय ऑटोबायोग्राफी' में अपनी इस विशेषता का जिक्र किया है. सोबर्स ने लिखा, 'दूसरे बच्चे कहेंगे कि मैं क्रिकेट में बहुत अच्छा था क्योंकि मेरे हाथ में छह उंगलियां थीं. दरअअसल, पहली अतिरिक्त उंगली काफी जल्दी गिर गई, जब मैं लगभग 9 या 10 साल का था. मैंने 11 उंगलियों के साथ पहली बार क्रिकेट खेला और इसके बाद 14 या 15 साल की उम्र में दूसरे हाथ की उंगली को खुद निकलवा लिया था.

87 साल के गैरी सोबर्स क्रिकेट की हर विधा में पारंगत रहे. उन्होंने एक और जहां अपनी बल्लेबाजी से धूम मचाई, वहीं अपनी लेग स्पिन, चाइनामैन और मध्यम गति की तेज गेंदबाजी से सबको चौंकाया. सोबर्स ने 1954 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने 93 टेस्ट मैचों में 57.78 की औसत से 8032 रन बनाए, जिसमें 26 शतक और 30 अर्धशतक शामिल रहे. साथ ही उन्होंने 235 विकेट भी झटके. सोबर्स ने एकमात्र वनडे मैच खेला, जिसमें उन्होंने एक विकेट लिए. सोबर्स ने 1974 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
...जब सोबर्स ने किया ये अद्भुत कारनामा
गैरी सोबर्स के नाम 1968 में एक अद्भुत कारनामा जुड़ा. उन्होंने इंग्लिश काउंटी में नॉटिंघमशायर से खेलते हुए ग्लेमॉर्गन के मैलकम नैश के ओवर की सभी 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़े थे. तब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा पहली बार देखने को मिला था. साल 1985 में रवि शास्त्री ने बड़ौदा के तिलकराज को 6 छक्के लगाकर इस रिकॉर्ड की बराबरी की थी.
गैरी सोबर्स भारतीय अभिनेत्री अंजू महेंद्रू को दिल दे बैठे थे और दोनों की सगाई भी हो गई थी. लेकिन अंजू के पेरेंट्स की नाराजगी के कारण शादी नहीं हो पाई. इसके बाद सोबर्स ने 1969 में ऑस्ट्रेलियाई मूल की लड़की प्रू किर्बे से शादी रचाई. सोबर्स और किर्बे का अब तलाक हो चुका है. दोनों के दो बेटे हैं और उन्होंने एक बेटी को भी गोद लिया था.