सचिन तेंदुलकर को भरोसा है कि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल विदेशी सरजमीं पर भारत के प्रदर्शन में अहम भूमिका अदा करेंगे क्योंकि वर्ल्ड क्रिकेट को अभी इन कलाई के दोनों युवा स्पिनरों से निपटने का तरीका इजाद करना है.
तेंदुलकर ने कहा, ‘जब बल्लेबाजी की बात आती है, तो हम बल्ले से बने रनों की बात करते हैं. लेकिन, हम मैच भी जीत रहे हैं, क्योंकि इन बीच के ओवरों के दौरान ये दो स्पिनर (कुलदीप और चहल) गेंदबाजी कर रहे हैं, जो शानदार हैं क्योंकि कुछ महीने पहले इतने कलाई के स्पिनर देखने को नहीं मिलते थे.'
तेंदुलकर ने ‘द हिंदु’ द्वारा आयोजित एक कान्क्लेव ‘द हडल’ में कहा, ‘मुझे लगता है कि ये मिलकर अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. यह शानदार है क्योंकि अभी पूरी दुनिया को पता करना है कि उनकी गेंदों को कैसे खेलना है.'
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तेंदुलकर को लगता है कि भारत को तब तक ज्यादा से ज्यादा मैच जीतने की कोशिश करनी चाहिए जब तक प्रतिद्वंद्वी टीमें उनकी इस कला से निपटने का तरीका नहीं इजाद कर लेतीं.
पीटीआई के मुताबिक तेंदुलकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कलाई के स्पिनर काफी अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे पिच पर निर्भर नहीं होते. यह कला तो ऐसी है जो आप हवा में करते हो तथा आपके पास लेग स्पिन और गुगली गेंद फेंकने की वैराइटी होती है.'
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उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से हमारे दिनों में ऑफ स्पिनरों द्वारा ‘दूसरा’ फेंकना आम होता था.'
तेंदुलकर ने कहा कि 'जब बल्लेबाज टी-20 जैसे छोटे फॉर्मेट में कलाई के स्पिनरों के खिलाफ खेलते हैं, तो वे प्रयोगात्मक शॉट जैसे प्वाइंट पर रिवर्स स्वीप या थर्ड मैन पर शॉट और विकेटकीपर के सिर के ऊपर से स्कूप शॉट खेल सकते हैं.'
उन्होंने कहा, ‘लेकिन लंबे फॉर्मेट (50 ओवर) के मैच में आप इस तरह की चीजें नहीं कर सकते. आपको समझना होगा कि इन दोनों गेंदबाजों से कैसे निपटा जाए.'
तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये दोनों गेंदबाज चहल और कुलदीप अहम साबित होने वाले हैं. बल्कि जब कुलदीप ने धर्मशाला में डेब्यू किया था और कुछ गेंदें फेंकी थी तो मैंने एक ट्वीट किया था कि उसका भविष्य उज्जवल है और उससे विदेशों में हमें अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है.'