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के एल राहुल ने गेल और वीरेंद्र सहवाग को लेकर दिया यह बड़ा बयान

राहुल ने कहा, 'मैंने सहवाग के साथ अलग-अलग समय पर बात की. उन्होंने हमेशा अपने खेल को सरल रखा था और वह हमेशा खिलाड़ियों को यही सलाह देते थे कि, बाहर निकलो, खुद पर भरोसा रखो और अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ खेल का आनंद लो.'

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लोकेश राहुल और वीरेंद्र सहवाग
लोकेश राहुल और वीरेंद्र सहवाग

किंग्स इलेवन पंजाब के ओपनिंग बल्लेबाज लोकेश राहुल ने टीम के मेंटर और पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तारीफ करते हुए कहा है कि खुद के प्रदर्शन में सुधार करने के लिए वह आईपीएल में सभी खिलाड़ियों को पूरी आजादी देते थे.

रविचंद्रन अश्विन की कप्तानी वाली पंजाब, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन में पहले छह मैचों में से पांच मैच जीतने के बावजूद प्लेऑफ से बाहर हो गई थी.

खुलकर खेलने की आजादी देते थे वीरू

राहुल ने कहा, 'मैंने सहवाग के साथ अलग-अलग समय पर बात की. उन्होंने हमेशा अपने खेल को सरल रखा था और वह हमेशा खिलाड़ियों को यही सलाह देते थे कि, बाहर निकलो, खुद पर भरोसा रखो और अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ खेल का आनंद लो. इस तरह की आजादी सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि सभी खिलाड़ियों के लिए थी, वह चाहे बल्लेबाज हों या गेंदबाज.'

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उन्होंने कहा, 'यह क्रिकेट का वह ब्रांड है जिसे हम एक टीम के रूप में खेलना चाहते हैं न कि नतीजे को ध्यान में रखकर. हम निडर और आक्रामक बनना चाहते हैं. आईपीएल जैसे टूर्नामेंटों में, कभी-कभी यह फॉर्मूला काम करेगा और कभी नहीं भी. लेकिन हमें आगे बढ़ना है.'

'सबसे तेज शतक से पहले सीढ़ियों से गिर गए थे डिविलियर्स'

आईएएनएस के मुताबिक राहुल ने कहा, 'मुझे लगता है कि अश्विन काफी अच्छे हैं. वह युवाओं के साथ काफी अधिक समय बिताते हैं. वह स्पष्ट रूप से कहते हैं कि टीम निडर होकर अपना स्वभाविक खेल खेले.'

गेल के साथ ओपनिंग करना सम्मान की बात

राहुल ने अपने साथी ओपनिंग बल्लेबाज क्रिस गेल की तारीफ करते हुए कहा, 'वह दुनिया के सबसे विस्फोटक टी-20 सलामी बल्लेबाज हैं. उनके साथ पारी की शुरुआत करना सम्मान की बात है.'

राहुल ने उन्हें संवारने वाले विश्वविद्यालय स्तरीय टूर्नामेंट, रेड बुल कैम्पस क्रिकेट टूर्नामेंट के बारे में कहा, 'मेरे लिए यह टूर्नामेंट एक गेम चेंजर साबित हुआ. इसने मुझे खुद को साबित करने और एक क्रिकेटर के रूप में खुद का विकास करने का मंच प्रदान किया. 2013 में चोट के कारण मैं राज्य की टीम में नहीं खेल पाया था और उस समय इस टूर्नामेंट ने मेरे खेल के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.'

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उन्होंने कहा, 'इस टूर्नामेंट में अच्छा कर मैं बहुत रोमांचित था और फिर मुझे कर्नाटक के लिए रणजी टीम में चुना गया. इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.'

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