आईसीसी वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला गया. इस रोमांचक मैच में टीम इंडिया ने डिफेंडिंग चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से धूल चटाकर फाइनल का टिकट पक्का कर लिया है. अब 2 नवंबर को हरमन ब्रिगेड की फाइनल में साउथ अफ्रीका से टक्कर होनी है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस जीत से भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया है. ये वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज है. आजतक पुरुष या महिला किसी भी क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप में इतना बड़ा चेज नहीं किया है. इस जीत के फैक्टर्स की बात करें तो जेमिमा और हरमनप्रीत का नाम सबसे आगे रहेगा. लेकिन हम आपको इस जीत के 5 फैक्टर बताते हैं...
हरमन-जेमिमा की 167 रनों की साझेदारी
इस मुकाबले में भारत को जीत के लिए 339 रन बनाने थे. भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. शेफाली जल्दी आउट हो गईं. मंधाना भी 10वें ओवर में आउट हो गईं. लेकिन इसके बाद जेमिमा और हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया को बेदम कर दिया. दोनों के बीच 167 रनों की साझेदारी हुई. हरमनप्रीत ने 89 रनों की पारी खेली.
लेकिन हरमन का विकेट गिरने के बाद जेमिमा ने धैर्य दिखाया. वो एक छोर पर टिकी रहीं. उन्होंने 127 रनों की नाबाद पारी खेली और भारत पर अंत तक दबाव नहीं बनने दिया.
दीप्ति की पारी....
इस मैच में दीप्ति शर्मा तब बल्लेबाजी के लिए आईं जब कप्तान हरमनप्रीत का विकेट गिरा. उस वक्त भारत को हर ओवर में 8 रनों की जरूरत थी. लेकिन दीप्ति ने रिस्क लेना शुरू किया और जेमिमा पर दबाव नहीं बनने दिया. दीप्ति ने 17 गेंदों में 24 रन बनाए और 3 चौके जड़े. हालांकि, वो रन आउट हो गईं.
ऋचा ने पक्का किया विजयी घोष
दीप्ति के विकेट के बाद ऋचा घोष पर बड़ी जिम्मेदारी थी. क्योंकि तब भी भारत को 8 रन प्रति ओवर की जरूरत थी. लेकिन घोष ने 16 गेंद में 26 रन जड़ दिए. 2 चौके और 2 छक्के लगाए. उनकी इस पारी का ये इम्पैक्ट हुआ की भारत इस मुकाबले में रन और गेंद की बराबरी पर आ गया. इसके बाद भारत की जीत पक्की थी. बाकी बचा काम अमनजोत ने किया. अमनजोत ने भी 8 गेंद में 15 रन बनाए.
श्रीचरणी और रेणुका की गेंदबाजी
ऑस्ट्रेलिया जब बल्लेबाजी कर रही थी. और एलिस पेरी के साथ लिचफील्ड शानदार लय में थीं. तो एक समय ऐसा लग रहा था की ऑस्ट्रेलिया 350 से ज्यादा रन बना लेगा. लेकिन श्री चरणी ने रनों की गति पर लगाम लगाई. चरणी ने 10 ओवर में 49 रन खर्च किए और 2 जरुरी विकेट झटके. वहीं, रेणुका ने भले ही विकेट नहीं लिया लेकिन उन्होंने 8 ओवर में केवल 39 रन खर्चे.
लक भी रहा भारत के साथ
किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है. ये कहावत हमने खूब सुनी है. इस मैच में भी ऐसा ही हुआ. जेमिमा को खूब जीवनदान मिले. लक जेमिमा के साथ रहा. 32वें ओवर में जेमिमा का एक आसान कैच कप्तान एलिसा हीली से छूट गया. इसके बाद 46वें ओवर में जब मैच बेहद नाजुक मोड़ पर था तब भी जेमिमा का एक आसान कैच उपकप्तान ने छोड़ा. आखिरकार जेमिमा भारत की जीत की सूत्रधार बनीं और नाबाद 127 रनों की पारी खेली.