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बिशन सिंह बेदी बोले, श्रीलंका में सीरीज जीतना इतनी भी बड़ी उपलब्धि नहीं

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने ईशांत शर्मा की श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ झड़प को आक्रामकता का दयनीय प्रदर्शन करार देते हुए कहा कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली को अपनी खुद की भावनाओं पर नियंत्रण रखकर अपने खिलाडि़यों के लिये आदर्श बनना चाहिए.

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बिशन सिंह बेदी (फाइल फोटो)
बिशन सिंह बेदी (फाइल फोटो)

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने ईशांत शर्मा की श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ झड़प को आक्रामकता का दयनीय प्रदर्शन करार देते हुए कहा कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली को अपनी खुद की भावनाओं पर नियंत्रण रखकर अपने खिलाडि़यों के लिये आदर्श बनना चाहिए.

दुर्भाग्यपूर्ण था ईशांत का व्यवहार
गौरतलब है कि भारत की तीसरे टेस्ट मैच और तीन मैचों की सीरीज में जीत में ईशांत ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने इस मैच में आठ विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट पूरे किए. लेकिन इस बीच वह श्रीलंकाई खिलाड़ियों से लगातार उलझते रहे जिसके कारण उन्हें दूसरे मैच में अपनी मैच फीस का 65 प्रतिशत हिस्सा गंवाना पड़ा और एसएससी में फिर से यही गलती दोहराने के कारण आईसीसी ने उन पर एक टेस्ट मैच का प्रतिबंध भी लगा दिया. बेदी ने इन घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.

यह आक्रामकता का दयनीय प्रदर्शन
उन्होंने कहा, 'वे आक्रामकता की बात करते हैं और ईशांत पर एक मैच का प्रतिबंध लग गया. क्या क्रिकेट मैदान पर आप यही चाहते हो? यह आक्रामकता का दयनीय प्रदर्शन है. और यह याद रखें कि इसका विराट की आक्रामकता से कोई वास्ता नहीं है जो कि बयान दर बयान दिए जा रहा है और शब्दों के जरिये अपनी आक्रामकता जाहिर करने की कोशिश कर रहा है.'

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विराट को बनना होगा रोल मॉडल
उन्होंने आगे कहा, 'इस सीरीज के संबंध में देखा जाए तो वह (कोहली) बहुत अच्छी भूमिका निभा रहा है लेकिन उसे अपनी आक्रामकता पर नियंत्रण रखने की जरूरत है. कैमरे की निगाह हमेशा कप्तान पर रहती है, इसलिए उसे बहुत अच्छा रोल मॉडल बनना होगा. आप अपने बल्ले, गेंद और क्षेत्ररक्षण से आक्रामक बन सकते हो, मुंह से नहीं. बेदी ने कहा, जहां तक उसकी कप्तानी का सवाल है तो यह उसके शुरूआती दिन है. अभी उसे काफी कुछ करना है. भारतीय टीम में काफी कमियां हैं. यदि हम अभी अपनी कमजोरियों को नहीं देखेंगे तो इससे बहुत नुकसान होगा.'

जीत का जश्न बेमतलब
भारत ने पहले टेस्ट मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करके सीरीज जीती और इस जीत के लिये युवा टीम को बधाई देने वाले बेदी का मानना है कि भारतीय टीम का सामना कमजोर टीम से था और इसके बाद का जश्न बेमतलब का था. उन्होंने कहा, 'ये इतना बड़ा कद्दू में तीर नहीं मारा है (यह बड़ी उपलब्धि नहीं है). यदि वे 3-0 से जीत दर्ज करते तो फिर मैं समझ सकता था. चलिए अब आप जीत गये है लेकिन यह उन्माद दिखाने की क्या जरूरत थी. आप वहां जीतने के लिए गये थे'

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जीत पर उन्मादी होने की जरूरत नहीं
बेदी ने आगे कहा, 'इसलिए आपने वह किया जिसकी आपसे उम्मीद की जा रही थी. इसको लेकर इतना हो-हल्ला क्यों. श्रीलंका की यह टीम बेहद कमजोर है. उन्हें उसे करारी हार देनी चाहिए थी. लेकिन जीत, जीत होती है. मैं खिलाडि़यों को बधाई देना चाहूंगा लेकिन इस जीत पर देश को उन्मादी होने की जरूरत नहीं है. दिमाग में कुछ स्थिरता होनी चाहिए. हार पर आप पगला जाते हो और जीत पर उन्मादी हो जाते हो. आप कब परिपक्व बनोगे तथा हार और जीत को संतुलित तरीके से स्वीकार करोगे.'

बेदी ने की अश्विन की प्रशंसा
इस दिग्गज स्पिनर ने हालांकि मैन आफ द सीरीज रविचंद्रन अश्विन की लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तारीफ की लेकिन अन्य गेंदबाजों की कड़ी आलोचना भी की. उन्होंने कहा, 'अश्विन ने शानदार भूमिका निभाई. पहली बार मैंने उसे लगातार अच्छी गेंदबाजी करते हुए देखा लेकिन मैं फिर से कहूंगा कि श्रीलंका की टीम कमजोर थी. मैंने केवल एंजेलो मैथ्यूज को ही अच्छा खेलते हुए देखा. वे पांच गेंदबाजों के साथ उतरे थे लेकिन पांच गेंदबाज कहां थे. वहां केवल एक गेंदबाज दिख रहा था.'

इनपुट: भाषा

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