बीकानेर की गलियों में दोस्तों की गिल्लियां बिखेरने वाला अनिकेत चौधरी आज विराट कोहली की कप्तानी वाली आईपीएल टीम आरसीबी का अहम हिस्सा है. इस बार आरसीबी ने अनिकेत चौधरी पर 2 करोड़ का दांव लगाते हुए अपनी टीम में शामिल किया है.
अपनी तूफानी गेंदबाज़ी के चलते भारतीय मिशेल स्टार्क कहे जाने वाले अनिकेत के लिए यह एक बहुत खास मौका होगा. अगर इस बार आईपीएल में अनिकेत ने अपना दम-खम दिखाया तो उनको टीम इंडिया में जगह बनाने से कोई नहीं रोक सकता. आइये जानते है अनिकेत चौधरी का बीकानेर की तंग गलियों से अब तक का सफर.....
1. भारत के लिए खेलना है सपना
बचपन में बीकानेर की गलियों में अपने दोस्तों और भाइयों की गिल्लियां बिखरने वाले अनिकेत चौधरी के लिए भारत की तरफ से खेलना सपने जैसा है. अनिकेत ने बताया- बचपन में मैंने बीकानेर की गलियों में मेरे भाइयों और दोस्तों के साथ काफी क्रिकेट खेला है. 2005 में जयपुर की सुराणा क्रिकेट अकादमी ज्वाइन करने के बाद मैंने भारत के लिए खेलने का सपना बना लिया. जिस दिन मेरा यह सपना पूरा होगा मुझे बहुत खुशी होगी.
2. क्रिकेट के लिए अपनाया नॉनवेज
अनिकेत का परिवार सिर्फ शाहकारी भोजन का सेवन करता है और अनिकेत भी शाकाहारी भोजन खाते थे. अनिकेत ने बताया 'मेरे डाइट चार्ट में अधिक प्रोटीन के लिए नॉन वेज और अंडे शामिल थे. जब मैंने घर पर इस बात को बताया तो मेरी मम्मी-पापा ने मुझे नॉनवेज खाना खाने के लिए हां बोल दी.'
3- साउथ अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट मैदान है खास
किसी भी तेज गेंदबाज के लिए तेज पिचों पर गेंदबाजी करने का सपना होता है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में तेज और बाउंसी पिचें होती है. अनिकेत ने बताया कि अगर मुझे भारतीय टीम की तरफ से खेलने के लिए मौका मिलता है तो मैं साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी तेज और उछाल वाली पिचों पर मेरी लंबाई का फायदा उठाऊंगा और भारत के लिए अपना योगदान दूंगा.
4.एडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैग्राथ है अनिकेत के प्रेरणास्रोत
अनिकेत अपनी गेंदबाजी में ऑस्ट्रेलिया के 'पिजन' के नाम से मशहूर ग्लेन मैग्राथ को अपना आदर्श मानते है. साथ ही दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर में शुमार एडम गिलक्रिस्ट का अनिकेत के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है अनिकेत ने बताया कि 2013 में जब मेरा चयन आईपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब के लिए हुआ तो मेरे और परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन जब मुझे खेलने का मौका नहीं मिला तो टीम के कप्तान गिलक्रिस्ट मुझे अपने साथ नेट्स में गेंदबाज़ी के लिए लेकर जाते और मुझसे गेंदबाज़ी करवाते. गिलक्रिस्ट ने मुझे कहा था कि तुम एक दिन भारतीय टीम के लिए जरूर खेलोगे.
5. क्रिकेट के साथ पढ़ाई में भी है हीरो

अक्सर देखा जाता है कि क्रिकेट खेलने के कारण खिलाड़ियों की पढ़ाई बाधित हो जाती है. लेकिन अनिकेत ने खेल- खेल में इंजीनियरिंग की. अनिकेत ने पढ़ाई को लेकर बताया- शुरुआत में मुझे पढ़ाई में कुछ रूचि नहीं थी. लेकिन जयपुर में क्रिकेट के साथ मेरी पढ़ाई में भी खूब निखार आया. मैंने सन 2007-11 में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
6. मां- पापा की वजह से इस मुकाम तक पहुंचे

अनिकेत चौधरी की इस सफलता के पीछे उनके पापा विनोद चौधरी का बहुत बड़ा योगदान है. आदर्श के सवाल पर अनिकेत ने बताया कि मेरे लिए मेरे पापा सबसे बड़े आदर्श है. उन्होंने मुझे बीकानेर की गली में क्रिकेट खेलते देख अपने गृह नगर को छोड़ जयपुर शिफ्ट होने का फैसला किया. मेरी हर एक जरूरत को पूरा किया और मुझे हमेशा साहस बंधाया. आज में जो कुछ भी हूं सिर्फ उनकी वजह से. भारत के लिए खेलकर में उनके सपनों को एक दिन जरूर 'पंख' दूंगा.
कश्मीर: क्लब क्रिकेटर्स ने मैच से पहले गाया PAK का राष्ट्रगान, पहनी पाकिस्तानी जर्सी7. शमशेर सिंह और पंकज सिंह है अनिकेत के लिए ख़ास
राजस्थान की तरफ से खेलते हुए अनिकेत को शमशेर सिंह और पंकज सिंह से काफी कुछ सिखने को मिला. अनिकेत ने बताया-राजस्थान की तरफ से खेलतें हुए काफी कुछ सिखने को मिला. पूर्व रणजी क्रिकेटर शमशेर सिंह ने अपना अनुभव शेयर किया और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे. पंकज सिंह मेरे सबसे अच्छे दोस्त है. उन्होंने मेरी हमेशा छोटे भाई की तरह आगे बढ़ने में मदद की.''