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'भगवान ने मुझे भेजा...' प्लेयर ऑफ द मैच बनने के बाद भावुक हुईं शेफाली वर्मा, रचा ये कीर्तिमान

21 वर्षीय शेफाली वर्मा, जो पिछले सप्ताह तक रिज़र्व खिलाड़ियों में भी नहीं थीं, ने जीवन भर याद रहने वाली पारी खेली. उन्होंने भारत के 298/7 के स्कोर में 87 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया और फिर दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर प्रोटियाज महिला टीम को 246 रन पर रोक दिया.

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शेफाली वर्मा ने फाइनल मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया
शेफाली वर्मा ने फाइनल मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया

मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो कर दिखाया, जिसका इंतज़ार करोड़ों भारतीयों को था. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला क्रिकेट विश्वकप अपने नाम कर लिया. यह जीत न सिर्फ़ क्रिकेट के मैदान पर बल्कि भारतीय खेल इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गई.

अगर 25 जून 1983 भारतीय पुरुष क्रिकेट की पहचान बना, तो 2 नवंबर 2025 भारतीय महिला क्रिकेट का स्वर्ण दिवस बन गया. जब कप्तान हरमनप्रीत कौर की टीम ने "वर्ल्ड चैंपियन" बनने का सपना पूरा किया.

21 वर्षीय शेफाली वर्मा, जो एक हफ्ते पहले तक रिज़र्व में भी नहीं थीं, ने करिश्माई प्रदर्शन किया. वर्मा ने पहले 87 रन की यादगार पारी खेली और फिर दो अहम विकेट झटके, जिससे दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर सिमट गई. शेफाली वर्मा ने एक खास रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. 21 वर्ष 279 दिन की उम्र में, शेफाली वर्मा एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल या फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की पहली खिलाड़ी (पुरुष और महिला दोनों) हैं.

मुझे भगवान ने अच्छा करने के लिए भेजा- शेफाली

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प्लेयर ऑफ द मैच बनीं शेफाली ने कहा, "मैंने शुरू में ही कहा था कि भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है, और आज वह दिखा. बहुत खुश हूं कि हम जीते, मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती." उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शांत रहने के आत्मविश्वास और अपने माता-पिता, दोस्तों और भाई के समर्थन को दिया. सचिन तेंदुलकर का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें (सचिन तेंदुलकर) देखकर मुझे अविश्वसनीय प्रोत्साहन मिला. वह क्रिकेट के मास्टर हैं."

यह भी पढ़ें: 'भविष्य के चैम्पियंस को प्रेरणा देगी ये जीत', PM मोदी ने महिला विश्व कप जीतने पर दी टीम इंडिया को बधाई

दीप्ति शर्मा 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट'

फाइनल में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन (शतकीय साझेदारी, 58 रन और 39 रन देकर पांच विकेट) के साथ टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाने वाली दीप्ति शर्मा को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया. दीप्ति ने कहा कि उन्हें अभी भी यह 'एक सपने जैसा' लग रहा है और वह इस भावना से बाहर नहीं आ पाई हैं. दीप्ति ने अपनी ज़िम्मेदारियों और तैयारी पर कहा, "मैं हमेशा आनंद लेती हूं, चाहे मैं किसी भी विभाग में हूं. मैं सेचुएशन के अनुसार खेलना चाहती थी." उन्होंने कहा कि एक ऑलराउंडर के रूप में प्रदर्शन करना अद्भुत अहसास है. उन्होंने अपनी यह ट्रॉफी अपने मां और पिताजी को समर्पित की.

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कप्तान के लिए खास रही जीत

कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए यह जीत इसलिए भी ख़ास है क्योंकि 8 साल पहले फाइनल हारने का दर्द उन्होंने झेला था. जैसे ही हरमनप्रीत ने एक्स्ट्रा कवर पर नादिन डी क्लर्क का कैच लपका, इयान बिशप ने इसे 'प्रेरणादायक पीढ़ी' का क्षण बताया.

मुख्य कोच अमोल मजूमदार, जिन्हें भारतीय क्रिकेट में कभी 'Nearly Man' कहा गया उनके लिए राष्ट्रीय महिला टीम के साथ यह वैश्विक जीत बरसों पुराने घावों को भरने वाली होगी. फाइनल के दौरान स्टेडियम में मौजूद रोहित शर्मा ने कहा था कि वो दुआ कर रहे हैं कि हरमनप्रीत को वो दर्द न झेलना पड़े जो उन्हें 2023 में झेलना पड़ा था. लेकिन इस बार इतिहास ने करवट ली और हरमन की टीम ने वह कहानी लिख दी जो पीढ़ियों को प्रेरणा देगी.
 

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