वो 15 मार्च 2001 का दिन था, सभी की नज़रें कोलकाता के ईडन गार्डन के मैदान पर टिकी थी. हर किसी को एक चमत्कार होने का इंतजार था और अंत में चमत्कार हुआ, भारत विजयी हुआ. एक ऐतिहासिक जीत, जिसने सब कुछ बदल दिया, ऑस्ट्रेलिया का गुरूर, जोशीली टीम इंडिया का जन्म, गांगुली की दहाड़, हरभजन की हुंकार, भारत की दीवार और लक्ष्मण का संकटमोचक बनना... ना जाने और क्या-क्या बदला था उस दिन.
जी, भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया टीम ने पुणे में खेले गए पहले ही टेस्ट में भारत को बुरी तरह रौंद दिया, सभी हैरान हैं. टेस्ट शुरू होने से पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली समेत पूरा देश कह रहा था कि यह ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी कमजोर है, हम इसे आसानी से हरा देंगे. लेकिन टीम इंडिया अपने ही बिछाए गए जाल में फंसी और स्टीव ओ-कीफ की फिरकी में फंसती चली गई, अंत में 334 रनों से टेस्ट मैच गंवा बैठी.
2001 का दौरा याद रखना
2001 में भारत दौरे पर 3 टेस्ट की सीरीज खेलने आई ऑस्ट्रेलियाई टीम उस समय अपने चरम पर थी. वह लगातार 15 टेस्ट जीत कर आई थी और आते ही मुंबई में भारत को 10 विकेट से रौंद कर 16वां टेस्ट जीता था. लेकिन कोलकाता के ईडन गॉर्डन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत की टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया और फॉलो-ऑन के बावजूद टीम इंडिया ने कंगारूओं को धूल चटा दी. भारत ने यह टेस्ट 171 रनों से जीता था.

हरभजन, द्रविड और लक्ष्मण
दूसरे टेस्ट को हमेशा ही पहली पारी में ली गई टर्बनेटर हरभजन सिंह की हैट्रिक के लिए याद रखा जाएगा, यह टेस्ट क्रिकेट में ली गई किसी भी भारतीय की ओर से पहली हैट्रिक थी. हैट्रिक के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने 445 का बड़ा स्कोर खड़ा किया और जवाब में भारत 171 पर ही लुढ़क गया. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलो-ऑन खेलने को कहा. जवाब में भारत की ओर से राहुल द्रविड और वीवीएस लक्ष्मण ने ऐतिहासिक पारी खेली, राहुल ने 180 और लक्ष्मण ने 281 रन बनाये. इन दोनों के बीच कुल 376 रनों की साझेदारी हुई.

भज्जी का डबल अटैक
भारत ने कंगारूओं को टेस्ट जीतने के लिये 385 रनों का लक्ष्य दिया. जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम मात्र 212 रनों पर ढेर हुई, पहली पारी में 8 विकेट लेने वाले हरभजन ने दूसरी पारी में 6 विकेट लिये. भारत यह मैच 171 रनों से जीता, बाद में भारत ने तीसरा टेस्ट भी अपने नाम किया और सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया.
बंगलुरु बनेगा दूसरा ईडन
पुणे में बुरी तरह हार चुकी विराट आर्मी अब पूरी तरह से 4 मार्च को शुरू होने वाले बंगलुरु टेस्ट के लिए तैयार है. स्टीव स्मिथ की अगुवाई में कंगारू टीम को भारतीय टीम को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. क्या पता बंगलुरु पर 16 साल पुराना इतिहास दोहरा दिया जाये और वह दूसरा ईडन बनकर उभरे.