विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को अगले महीने से इंग्लैंड का दौरा करना है. इस दौरे की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट टीम को 3 टी-20 और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है.
लेकिन उससे पहले इंग्लैंड में हो रही रनों की बारिश भारतीय बल्लेबाजों को उत्साहित कर रही तो वहीं टीम इंडिया के गेंदबाजों के लिए यह खतरे की घंटी है. इंग्लैंड में अब गेंदबाजों के अनुकूल पिच तैयार करने की बजाय फ्लैट पिचों के तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है.
बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग और गेंदबाजों के लिए खतरा
चार साल पहले तक जिस ट्रेंट ब्रिज की पिच पर एक वनडे पारी का औसत स्कोर 230 रन था, अब वहां रनों की सुनामी आ रही है. इसी मैदान पर हाल ही में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट के सबसे बड़े टीम स्कोर 481 का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. उससे पहले भी ट्रेंट ब्रिज में ही इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ साल 2016 में 444 रनों का स्कोर खड़ा किया था.
इस वजह से हो रही है रनों की बरसात
हाल ही में इंग्लैंड ने अपने लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट खेलने के परम्परागत अंदाज को बदला है. पिछले तीन साल में इंग्लैंड में वनडे क्रिकेट में कुल 33 बार 300 का आंकड़ा पार हुआ है. जबकि 8 बार 350 और 3 बार 400 रनों का आकड़ा पार हुआ है. इसके अलावा नेटवेस्ट ब्लास्ट टूर्नामेंट के दौरान 7 बार टी-20 में 200 रनों का आकड़ा पार हुआ है. इंग्लैंड के मुकाबले भारत ने भी इतनी पाटा विकेट तैयार नहीं की हैं.
कुकाबुरा की गेंद कम स्विंग करती है और मौजूदा इंग्लिश टीम टेस्ट में ड्यूक बॉल और वनडे में दो नई कुकाबुरा गेंद से खेलने पर जोर दे रही है जिससे यह टीम बदले हुए अंदाज में दिख रही है और रनों की बरसात कर रही है.