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धोनी के ग्लव्स पर इंडियन फैन्स के रिएक्शन से चौंक गए PAK मंत्री

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व वर्तमान टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स को लेकर पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी बेचैन हैं. पहले उन्होंने टीम इंडिया को नसीहत देने की कोशिश की , लेकिन जब इंडियन फैन्स ने रिएक्शन दिए तो वह चौंक गए. 

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महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)

टीम इंडिया के मिस्टर कूल यानी महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स को लेकर पाकिस्तान भी बेवजह बेचैन है. पड़ोसी मुल्क के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी की बौखलाहट ट्विटर पर देखी गई है. गुरुवार को उन्होंने एक टीवी चैनल द्वारा शेयर किए गए डिबेट के वीडियो पर प्रतिक्रिया दी थी. अब फवाद इंडियन फैन्स के रिएक्शन पर चौंक गए हैं.

उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करके लिखा 'धोनी को महाभारत के साथ भ्रमित करने वाले मेरे ट्वीट पर इंडियंस के रिएक्शन से आश्चर्यचकित हूं, इतना गुस्सा! भाई क्रिकेट को जेंटलमैन गेम बने रहने दो, इसे इंडियन पॉलिटिक्स का मैदान ना बनाओ.'  दरअसल, इस वर्ल्ड कप में धोनी अपने कीपिंग ग्लव्स पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्सेज के ‘बलिदान बैज’ का यूज करते देखे गए हैं.

बता दें कि धोनी के ग्लव्स को लेकर गुरुवार को एक टीवी चैनल ने डिबेट का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था. इस पर पाकिस्तानी मंत्री ने रिप्लाई करते हुए लिखा था ‘धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं न कि महाभारत के लिए, भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस है? भारतीय मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रावंडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेजा जाना चाहिए.’

37 साल के महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर 'बलिदान बैज' या सेना का प्रतीक चिह्न उस समय देखा गया था जब वह बुधवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे मैच के 40वें ओवर के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप्स आउट किया था. इसके बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. 

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हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियम साफ कहते हैं, ‘उपकरण और कपड़ा नियामक इस बात की अनुमित नहीं देता कि किसी चीजों का अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय संदेश देने के लिए हो.’

क्या है बलिदान बैज, और धोनी ने कैसे हासिल किया?

धोनी के ग्लव्स पर दिखे इस अनोखे निशान (प्रतीक चिह्न) को हर कोई इस्तेमाल में नहीं ला सकता. यह बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं. इस बैज को 'बलिदान बैज' के नाम से जाना जाता है. पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें 'बलिदान' के रूप में जाना जाता है. इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है. यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है.

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