टी-20 क्रिकेट में 300 रन बना कर चर्चा में आये दिल्ली के मोहित अहलावत की राह इतनी आसान नहीं रही है. मोहित के पिता पवन अहलावत भी पूर्व में क्रिकेट खेल चुके हैं लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्हें क्रिकेट छोड़ कर टेंपो चला कर गुजारा किया. हालांकि उन्होंने क्रिकेट को एक शौक के तौर पर खेलना जारी रखा.
मोहित के पिता ने बताया कि जब वह क्रिकेट खेलने जाते थे तो मोहित भी उनके साथ जाता था. तब मोहित ने बैट्समैन और विकेटकीपर बनने की इच्छा जताई. मोहित के पिता भी विकेटकीपर बल्लेबाज रह चुके हैं.
पानीपत के रहने वाले मोहित ने अपनी पढ़ाई सैंट मैरी स्कूल से की और 10वीं क्लास के बाद ही 2012 में बहादुरगढ़ बालाजी क्रिकेट अकादमी में भर्ती हुये. वहां पर ही उन्हें गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज उनसे प्रभावित हुए. जिसके बाद उन्होंने मोहित को लाल बहादुर क्रिकेट अकादमी में शामिल करवाया.
मोहित अहलावत दिल्ली के लिये रणजी मैच भी खेल चुके हैं. उन्हें ऋषभ पंत से पहले दिल्ली के लिये रणजी खेलने का मौका मिला था. मोहित ने तीन रणजी मैच खेलें हैं. मोहित अहलावत पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के फैन हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं.
जानें मोहित के 300 रन के पीछे की असली कहानी...
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