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इयान चैपल ने दिया कोरोना से लड़ने का मंत्र, बोले- सचिन जैसी बैटिंग की जरूरत

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कोविड महामारी की तुलना पांच दिवसीय मैच से की. चैपल ने अपनी बात के समर्थन में सचिन तेंदुलकर और साथी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज इयान रेडपाथ की प्रभावशाली पारियों का उदाहरण दिया.

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Chennai Test of 1998 (Getty)
Chennai Test of 1998 (Getty)

  • ...कोरोना के कहर से खेल जगत में है सन्नाटा
  • इयान चैपल ने सचिन की बैटिंग को याद किया

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने मौजूदा कोविड महामारी की तुलना पांच दिवसीय मैच (टेस्ट क्रिकेट) से की. उन्होंने कहा कि इस संकट से निबटने के लिए धैर्य और दृढ़ संकल्प जरूरी है, साथ ही थोड़ी पहल की आवश्यकता है जो कि एक टेस्ट क्रिकेटर की प्रमुख विशेषताएं होती हैं. चैपल ने अपनी बात के समर्थन में सचिन तेंदुलकर और साथी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज इयान रेडपाथ की प्रभावशाली पारियों का उदाहरण दिया.

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76 साल के चैपल ने अपने एक कॉलम में लिखा, ‘दुनियाभर के कई नागरिकों के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. मैंने सीखा है कि खेलों में अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ियों पर लागू होने वाले नियम जीवन में मददगार होते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब कोविड-19 महामारी कहर बरपा रही है तब सभी देशों के नागरिकों को धैर्य, दृढ़ संकल्प बनाए रखना चाहिए और थोड़ी पहल की जरूरत है. उच्च स्तर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए यह जरूरी विशेषताएं होती हैं.’

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1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई टेस्ट का दिया उदाहरण

चैपल ने तेंदुलकर की 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में खेली गई पारी का उदाहरण दिया, जहां उन्होंने अपने आक्रामक रवैए से शेन वॉर्न पर दबदबा बनाया था. उन्होंने कहा, ‘अपनी बात के समर्थन में मैंने दो प्रभावशाली पारियां चुनी हैं. इनमें पहली पारी सचिन तेंदुलकर की 1998 में चेन्नई में खेली गई पारी है. उनकी दूसरी पारी के बेहतरीन 155 रनों के दम पर भारत ने टेस्ट मैच जीता था, लेकिन तेंदुलकर ने सीरीज से पहले जो तैयारियां की थी यह उनके बिना संभव नहीं हो पाता.’

चैपल ने कहा, ‘सचिन ने तब पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री से पूछा था कि अगर शेन वॉर्न राउंड द विकेट गेंदबाजी करके खुरदुरे क्षेत्र में गेंद करें, तो वह ऑस्ट्रेलिया के स्टार लेग स्पिनर पर कैसे दबदबा बना सकते हैं’ इस दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई ने कहा, ‘शास्त्री का जवाब उनकी सामान्य समझ के अनुरूप था. उन्होंने कहा कि, ‘अपने कद के कारण आगे तक पहुंच पाने से मैं वॉर्न की खुरदुरी जगह पर पिच कराई गेंद को रक्षात्मक होकर खेलता था, लेकिन आप ऐसा नहीं करना. आपको जूतों से बने निशान पर की गई वॉर्न की गेंदों को खेलने के लिए आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए.’

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चैपल ने कहा, ‘इस सलाह के बाद सचिन ने एमआरएफ नेट्स पर पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन की इस तरह की गेंदों के सामने अभ्यास किया.’ चैपल ने इसे तेंदुलकर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक करार दिया, जिसमें इस स्टार बल्लेबाज की पहल और प्रतिबद्धता दिखी. चैपल ने इसके साथ ही रेडपाथ की 1976 में मेलबर्न में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई पारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘सचिन की पहल और दृढ़ संकल्प के साथ रेडपाथ के धैर्य को मिला दो. फिर आपके पास इस घातक महामारी से बचने के लिए जरूरी गुण होंगे.’

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