डेब्यू की पहली ही गेंद पर विकेट लेना किसी सपने के सच होने से कम नहीं. भारतीय गेंदबाजों की बात करें, तो टेस्ट क्रिकेट में अब तक एक ही गेंदबाज ने यह उपलब्धि हासिल की है. जी हां! बात हो रही है नीलेश कुलकर्णी की. आज उनका बर्थडे है. वह 47 साल के हो गए. उनका जन्म महाराष्ट्र के डोंबिवली में 1973 में 3 अप्रैल को हुआ था.
भारत के इस लेफ्ट आर्म स्पिनर का क्रिकेट करियर महज तीन टेस्ट मैचों का रहा, लेकिन उन्होंने स्वर्णिम शुरुआत की थी. 6 फुट 4 इंच लंबे कुलकर्णी ने अगस्त 1997 में अपने डेब्यू टेस्ट मैच में श्रीलंका के मर्वन अटापट्टू का विकेट झटका था. लेकिन उस टेस्ट मैच में वह इसके अलावा और कुछ नहीं कर पाए.
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दरअसल, वह एक ऐसा टेस्ट मैच था जिसे टीम इंडिया भी याद रखना नहीं चाहेगी. उस टेस्ट मैच में श्रीलंका ने भारत के खिलाफ 952/6 रन बनाकर पारी घोषित की थी, जो आज भी वर्ल्ड रिकॉर्ड है. उसने कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में इंग्लैंड के 903/7 रनों के रिकॉर्ड को भंग किया था. सनथ जयसूर्या ने उस विशाल पारी में अकेले 340 रन बना डाले थे.
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नीलेश कुलकर्णी ने उस मैच में 195 रन (70-12-195-1) रन खर्च किए. इतना ही नहीं, अनिल कुंबले और राजेश चौहान की भी फिरकी नहीं चल पाई. दोनों ने क्रमश: 223 और 276 रन दिए. तीनों को एक-एक विकेट से संतोष करना पड़ा था. सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में बड़े स्कोरों वाला वह मैच ड्रॉ रहा. भारत ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 537/8 रन बनाकर पारी घोषित की थी. सचिन के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू और मो. अजहरुद्दीन ने भी शतक जमाए थे.