सोचिए जरा क्या किसी खिलाड़ी का नाम लेने से किसी शख्स की जान बच सकती है? अर्जेंटीना के एक एग्रीकल्चर इंजीनियर की जान महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी का नाम लेने से बच गई. मेसी का नाम लेने से किडनैपर्स ने उन्हें जान से नहीं मारा.
अगवा किए गए इंजीनियर सैंटियागो लोपेज मेनेंदेज ने खुद इसकी जानकारी दी. सैंटियागो ने कहा कि नाइजीरिया में काम करते वक्त वह किडनैप कर लिया गया और तीन दिनों तक किडनैपर्स के चंगुल में रहा. इस दौरान उसे मारा-पीटा गया और जब भी उसे पीटा जाता वह 'मेसी-मेसी-मेसी' चिल्लाता था.
बीते एक साल से नाइजीरिया में काम कर रहे सैंटियागो ने कहा कि वह कोंटागोरा में सोया और कॉर्न की खेती में जुटा था, तभी उसको किडनैप कर लिया गया. किडनैपरों ने उसे तीन दिनों तक अपने पास रखा और काफी पीटा. वह अंग्रेजी नहीं जानता था. किडनैपरों ने सोचा कि सैंटियागो उत्तर अमेरिका के हैं.
सैंटियागो ने उन्हें बताने की कोशिश की कि वह अर्जेंटीना से है. उसे जब भी पीटा जाता वह मेसी का नाम लेता और इससे उसे पीटने वाले लोगों का गुस्सा कम हो जाता था. इसके बाद सैंटियागो की कंपनी ने पैसे देकर उसे रिहा कराया. अर्जेंटीना लौटने के बाद सैंटियागो ने यह बात अपने घरवालों को बताई.
सैंटियागो के भाई जॉर्ज ने कहा, 'सैंटियागो का कहना है कि उनका जीवन अब मेसी का है. वह मेसी के आभारी है क्योंकि उनका नाम लेने से ही उसकी जान बच गई.'