दुनिया की नंबर-1 वूमेन्स टेनिस प्लेयर एश्ले बार्टी ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2022 का खिताब अपने नाम कर लिया. बार्टी ने फाइनल में अमेरिका की डेनिएल कॉलिन्स को सीधे सेटों में 6-3, 7-6 से शिकस्त दी. दोनों खिलाड़ियों के बीच यह खिताबी मुकाबला एक घंटा और 27 मिनट तक चला.
बॉर्टी का यह पहला ऑस्ट्रेलिया ओपन एवं कुल तीसरा एकल ग्रैंडस्लैम खिताब है. बार्टी के लिए यह खिताबी जीत काफी खास है क्योंकि 44 साल बाद किसी कंगारू प्लेयर ने ऑस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीता है. इससे पहले 1978 में क्रिस ओ नील ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन पर कब्जा जमाया था.
बार्टी को टेनिस जगत में टॉप पर पहुंचाने में क्रिकेट का भी अहम योगदान है. 25 साल की बार्टी खुद को मानसिक तौर पर मजबूत करने के लिए टेनिस छोड़कर क्रिकेटर बन गई थीं. 2014 में टेनिस छोड़ने के समय कहा कि वो एक सामान्य किशोरी की तरह लाइफ को जीना चाहती हैं.
इसके बाद वह 2015-16 में वूमेन बिग बैश लीग (WBBL) में खेलने उतरीं. ब्रिस्बेन हीट की ओर से बार्टी ने कुल नौ मुकाबलों में भाग लिया. हालांकि, इस दौरान वह कुछखास नहीं कर सकी और 9 मैचों 11.33 की औसत से 68 रन ही बना पाईं. इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 39 रन रहा था.
एश्ले बार्टी की टीम ब्रिसबेन हीट का भी उस सीजन प्रदर्शन काफी खराब रहा था. ब्रिसबेन हीट 14 मुकाबलों में सात जीत एवं इतने ही हार के साथ अंकतालिका में छठे स्थान पर रही थी. सिडनी थंडर्स ने सिडनी सिक्सर्स को हराकर उस सीजन वूमेन बिग बैश लीग का खिताब जीता था.
एश्ले बार्टी ने 2015-16 के सीजन में क्वींसलैंड के लिए दो लिस्ट-ए मैचों में भी भाग लिया था. यहां पर भी वह कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाईं. दोनों मैचों को मिलाकर वह 5.5 की एवरेज से महज 11 रन बना सकीं. इसके बाद बार्टी ने साल 2016 में टेनिस जगत में एक बार फिर से वापसी का पैसला किया.
बार्टी ने अबकी बार टेनिस में धमाका करने की ठान ली थी और वह फ्रेंच ओपन 2017 के महिला डबल्स फाइनल में भी पहुंचने में सफल रहीं. इस प्रदर्शन की बदौलत बार्टी का आत्मविश्वास लगातार बढ़ता चला गया. नतीजतन बार्टी 2018 के यूएस ओपन में महिला डबल्स का खिताब जीतने में कामयाब रहीं.
साल 2019 में बार्टी ने फ्रेंच ओपन के रूप में अपना पहला एकल ग्रैंडस्लैम खिताब जीता. इसके दो साल बाद 2019 में उन्होंने विंबलडन चैंपियनशिप का भी खिताब जीता, जो उनके सुनहरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि रही.