scorecardresearch
 

समंदर में 2300 फीट की गहराई में मिली 1.20 लाख साल पुरानी Lost City, हजारों की संख्या में गर्म चिमनियां मिलीं

अटलांटिक महासागर की गहराई में एक लॉस्ट सिटी मिली है, जहां चूना पत्थर की चिमनियां हैं. ये हाइड्रोजन और मीथेन बनाती हैं. ये 1.20 लाख साल से एक्टिव हैं. बैक्टीरिया, घोंघे जैसे जीवों को सहारा देती हैं. ये जगह जीवन के शुरुआत का रहस्य खोल सकती है. खनन से इसे खतरा है, इसलिए इसे बचाना जरूरी है.

Advertisement
X
अटलांटिक महासागर में ये है वो जगह जिसे Lost City कहते हैं. (फोटोः Washington University)
अटलांटिक महासागर में ये है वो जगह जिसे Lost City कहते हैं. (फोटोः Washington University)

अटलांटिक महासागर की गहराई में मिड-अटलांटिक रिज के पास एक पहाड़ है, जहां लॉस्ट सिटी हाइड्रोथर्मल फील्ड नाम की एक अनोखी जगह है. यहां चूना पत्थर की ऊंची-ऊंची चिमनियां हैं, जो नीले प्रकाश में चमकती हैं. यह जगह पृथ्वी पर पहले जीवन की कहानी बता सकती है. 

लॉस्ट सिटी क्या है?

साल 2000 में वैज्ञानिकों ने समुद्र की सतह से 700 मीटर नीचे लॉस्ट सिटी खोजी. यह समुद्र में अब तक की सबसे पुरानी हाइड्रोथर्मल वेंट्स (गर्म पानी के स्रोत) की जगह है, जो कम से कम 120,000 साल से सक्रिय है. यहां की चिमनियां 60 मीटर तक ऊंची हैं. छोटी-छोटी मशरूम जैसी संरचनाएं भी हैं. इनका नाम पोसाइडन जैसे समुद्री देवताओं के नाम पर रखा गया है.

यह भी पढ़ें: स्पेस स्टेशन तक कैसे पूरा होगा शुभांशु शुक्ला का AX-4 Mission, कौन साथ जा रहा? जानिए पूरी कहानी

Lost City Hydrothermal Field

यहां क्या खास है?

लॉस्ट सिटी में समुद्र का पानी और पृथ्वी की मेंटल परत मिलकर हाइड्रोजन, मीथेन और अन्य गैसें बनाते हैं. इन गैसों पर बिना ऑक्सीजन के भी सूक्ष्म जीव (बैक्टीरिया) पनपते हैं. यहां छोटे-छोटे घोंघे, केकड़े, झींगे और समुद्री अर्चिन जैसे जीव रहते हैं.  

Advertisement

जीवन के शुरुआत का रहस्य

वैज्ञानिकों का मानना है कि लॉस्ट सिटी जैसी जगहें पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत का सुराग दे सकती हैं. यहां की चिमनियां हाइड्रोकार्बन बनाती हैं, जो जीवन के लिए जरूरी हैं. ये हाइड्रोकार्बन सूरज की रोशनी या कार्बन डाइऑक्साइड से नहीं, बल्कि समुद्र के तल पर रासायनिक प्रक्रियाओं से बनते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि के चंद्रमा एन्सेलेडस या बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर भी ऐसी जगहें हो सकती हैं, जहां जीवन हो सकता है.

यह भी पढ़ें: पृथ्वी के कोर से लीक हो रहा सोना... स्टडी करने वाले वैज्ञानिक हैरान

लॉस्ट सिटी और ब्लैक स्मोकर्स में अंतर

समुद्र में ब्लैक स्मोकर्स नाम की दूसरी हाइड्रोथर्मल वेंट्स भी हैं, जो ज्वालामुखी की गर्मी पर निर्भर हैं. लोहे व सल्फर की चिमनियां बनाती हैं. लेकिन लॉस्ट सिटी की चिमनियां ज्वालामुखी पर निर्भर नहीं हैं. ये 100 गुना ज्यादा हाइड्रोजन और मीथेन बनाती हैं. बहुत बड़ी हैं.  

Lost City Hydrothermal Field

2024 की बड़ी खोज

2024 में वैज्ञानिकों ने लॉस्ट सिटी से 1268 मीटर लंबा मेंटल रॉक सैंपल निकाला, जो अब तक का सबसे बड़ा सैंपल है. यह सैंपल पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत और परिस्थितियों के बारे में नई जानकारी दे सकता है.

खतरे में लॉस्ट सिटी

2018 में पोलैंड को लॉस्ट सिटी के आसपास समुद्र के तल में खनन का अधिकार मिला. हालांकि लॉस्ट सिटी में कीमती संसाधन नहीं हैं, लेकिन खनन से निकलने वाला कचरा इस नाजुक जगह को नुकसान पहुंचा सकता है. वैज्ञानिक इसे विश्व धरोहर स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि इस अनोखी जगह को बचाया जा सके.

Advertisement

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

  • जीवन की उत्पत्ति: लॉस्ट सिटी हमें बताती है कि जीवन बिना सूरज की रोशनी के भी शुरू हो सकता है.
  • अनोखी जगह: यह समुद्र में अब तक की इकलौती ऐसी जगह है, जिसे रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) ने खोजा है.
  • अंतरिक्ष अनुसंधान: यह शनि और बृहस्पति के चंद्रमाओं पर जीवन की संभावना को समझने में मदद करती है.

लॉस्ट सिटी समुद्र की गहराई में एक चमत्कार है, जो लाखों सालों से जीवन को सहारा दे रही है. यह पृथ्वी और शायद अन्य ग्रहों पर जीवन की शुरुआत का रहस्य खोल सकती है. लेकिन खनन जैसे खतरों से इसे बचाना जरूरी है, वरना हम इस अनोखी धरोहर को खो सकते हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement