वाइन उद्योग को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें खपत और उत्पादन दोनों में गिरावट आई है. अमेरिकी शुल्क और पर्यावरणीय मुसीबतें उद्योग के लिए अतिरिक्त चुनौतियां पेश कर सकती हैं. वाइन उद्योग को एक "पीढ़ीगत" बदलाव का भी डर है. यानी अब की जेनरेशन वाइन कम पी रही है.
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इसकी प्रमुख वजह
जलवायु परिवर्तन: वाइन क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव.
उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव: बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं के कारण वाइन क्षेत्र में चुनौतियां आ रही हैं.
भूराजनीतिक अनिश्चितता: भूराजनीतिक अनिश्चितता भी वाइन क्षेत्र को प्रभावित कर रही है.

वाइनयार्ड में क्षेत्रफल में कमी
वैश्विक वाइनयार्ड के क्षेत्रफल में पिछले चार वर्षों से कमी आ रही है. 2024 में 0.6% की कमी के साथ यह क्षेत्रफल 7.1 मिलियन हेक्टेयर हो गया, जो कमी की धीमी दर को दर्शाता है.
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वैश्विक वाइन उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
2024 में वैश्विक वाइन उत्पादन 226 मिलियन हेक्टोलीटर अनुमानित है, जो 60 से अधिक वर्षों में सबसे कम है. 2023 की तुलना में 5% कम है. यह मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध दोनों में अप्रत्याशित और चरम मौसम की घटनाओं के कारण है.
नई खपत पैटर्न और बाजारों की विविधता
2024 में वैश्विक वाइन की खपत 214 मिलियन हेक्टोलीटर अनुमानित है, जो 2023 की तुलना में 3.3% की कमी है. यदि यह पुष्टि होती है तो यह 1961 के बाद से सबसे कम वैश्विक खपत स्तर होगा. जीवनशैली की प्राथमिकताओं में बदलाव, सामाजिक आदतों में बदलाव और उपभोक्ता व्यवहार में पीढ़ीगत बदलाव.

भारत में भी हुआ असर
वाइनयार्ड के मामले में भारत दुनिया के टॉप 10 देशों में 9वें स्थान पर है. 2023 की तुलना में 2024 में वाइनयार्ड 1.8 फीसदी बढ़ा है. 2024 में पैदा होने वाइन में से 2.6 फीसदी भारत में पैदा हुई. भारत का वाइनयार्ड क्षेत्र हाल के वर्षों में काफी विस्तार कर रहा है, जिसमें 2019 से 4.5% की औसत वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है. 2024 में, अंगूर के बागों का कुल क्षेत्रफल 185 हजार हेक्टेयर तक पहुंचने का अनुमान है.
नाशिक, महाराष्ट्र: भारत का शराब उत्पादन केंद्र, जहां सुला वाइनयार्ड्स और चारोसा वाइनयार्ड्स जैसे प्रमुख वाइनरी स्थित हैं.
नंदी हिल्स, कर्नाटक: ग्रोवर ज़म्पा वाइनयार्ड्स जैसे प्रमुख वाइनरी का घर, जो अपनी प्रीमियम वाइन के लिए जाना जाता है.
रामनगर, कर्नाटक: हेरिटेज ग्रेप वाइनरी का स्थान, जो अपने सुंदर दाख की बारी और वाइन के लिए प्रसिद्ध है.
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विकास की संभावनाएं
वैश्विक खपत: 195 देशों में वाइन की खपत व्यापक रूप से हो रही है.
विकास की संभावनाएं: बड़ी आबादी वाले कुछ देशों में अभी भी महत्वपूर्ण विकास की संभावनाएं हैं.
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कमी
निर्यात मात्रा 99.8 मिलियन हेक्टोलीटर पर स्थिर रही. निर्यात मूल्य में थोड़ी कमी आई है जो 0.3% घटकर 36 अरब यूरो हो गया, लेकिन औसत निर्यात मूल्य 3.60 यूरो/लीटर पर ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर बना हुआ है. मुद्रास्फीति और कम आपूर्ति के कारण कीमतें महामारी से पहले के वर्षों की तुलना में उच्च बनी हुई हैं.
🍇 The OIV reinforced the importance of multilateral cooperation and adaptation to changing conditions, as global data on the wine sector in 2024 was released today at its online Press Conference.
— OIV (@OIV_int) April 15, 2025
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