सूरज से निकले तेज धमाकों ने धरती पर एक जबरदस्त जियोमैग्नेटिक तूफान पैदा कर दिया. यह तूफान 12 नवंबर 2025 को चरम पर पहुंचा. इससे अमेरिका के अलास्का से लेकर टेक्सास तक आसमान हरा, लाल और बैंगनी रंगों से जगमगा उठा. Photo: AP
लोग इसे 'उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश' या ऑरोरा कहते हैं. यह नजारा इतना शानदार था कि लाखों लोगों ने अपनी आंखों से देखा और फोटो खींची. यह तूफान सूरज से निकले कई 'कोरोनल मास इजेक्शन' (CME) की वजह से हुआ. Photo: AP
ये सूरज के विस्फोट जैसे होते हैं, जो चुंबकीय कणों को धरती की ओर धकेल देते हैं. वैज्ञानिकों ने इसे Kp इंडेक्स 9 बताया, जो सबसे ऊंचा स्तर है. मतलब, तूफान बहुत शक्तिशाली था. Photo: Reuters
सूरज अभी 'सोलर मैक्सिमम' के करीब पहुंच रहा है. यह सूरज का चक्र है, जब इसकी गतिविधि सबसे ज्यादा होती है. आने वाले महीनों में ऐसे नजारे और बढ़ सकते हैं. Photo: Reuters
अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी. उन्होंने कहा कि यह तूफान जीपीएस सिस्टम, बिजली ग्रिड और सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकता है. Photo: AP
जीपीएस से फोन और नेविगेशन बिगड़ सकता है. बिजली के तारों में करंट की कम या ज्यादा हो सकती है. सैटेलाइट्स का सिग्नल कमजोर पड़ सकता है. इसी वजह से स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपना न्यू ग्लेन एनजी-2 लॉन्च टाल दिया. Photo: AP
पूरे अमेरिका में लोग बाहर निकले. अलास्का के बर्फीले इलाकों से लेकर टेक्सास के गर्म मैदानों तक ऑरोरा दिखा. सोशल मीडिया पर हजारों वीडियो और फोटो वायरल हो गए. एक चश्मदीद ने कहा कि यह आसमान में रंगों का डांस हो रहा था, जैसे कोई जादू हो. Photo: AP
बच्चे, बूढ़े सब हैरान. वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सूरज की ताकत का नमूना है. लेकिन साथ ही याद दिलाता है कि हमारी तकनीक पर इसका असर पड़ सकता है. Photo: AFP
वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर मैक्सिमम कुछ समय और चलेगा. ऐसे तूफान बढ़ेंगे. इसलिए कंपनियां और सरकारें तैयार रहें. एनओएए ने कहा कि अगले कुछ दिनों में तूफान कमजोर होगा, लेकिन निगरानी जारी रहेगी. Photo: AP