रूस ने ही दुनिया को सबसे पहले कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V बनाकर चौंकाया था. अब एक बार फिर रूस ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है. उसने जानवरों के लिए दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है. इस वैक्सीन का ट्रायल कुत्तों, बिल्लियों, खरगोश, लोमड़ियों और नेवले की प्रजाति के मिंस्क पर किया गया. इन सबके शरीर में कोरोना के खिलाफ संघर्ष करने के लिए एंटीबॉडी विकसित हुई हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
इस वैक्सीन को बनाया है रोसेलखोजनाजोर (Rosselkhoznadzor) ने. इस वैक्सीन का नाम है कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov). कंपनी के अनुसार रूस में इस वैक्सीन का उत्पादन अप्रैल महीने में ही शुरू कर दिया जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
Russia registers world's first COVID-19 vaccine for animals including cats, foxes and minks, the country's agriculture safety watchdog said https://t.co/HpLxbwBIbY pic.twitter.com/2zF6JuqmFb
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जताई थी कि इंसानों से पालतू और कुछ अन्य जीवों में कोरोना फैल सकता है. या फिर इनके जरिए इंसानों में. इसलिए कंपनी ने कहा है कि कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov) कई जानवरों की प्रजातियों को कोरोना से बचाएगी और म्यूटेशन को रोकेगी. (फोटोः रॉयटर्स)
रूस में अभी तक जानवरों में कोरोनावायरस के दो ही मामले सामने आए हैं. दोनों मामले बिल्लियों में मिले थे. लेकिन पिछले साल डेनमार्क में 1.70 करोड़ मिंस्क (Minsk) इसलिए मारे गए थे, क्योंकि उनमें कोरोनावायरस की मौजूदगी का संदेह था. अगर इन जानवरों में कोरोनावायरस म्यूटेशन कर लेता तो उसे संभालना मुश्किल हो जाता. (फोटोः रॉयटर्स)
रोसेलखोजनाजोर (Rosselkhoznadzor) ने कहा कि रूस की फर कंपनियों ने जानवरों के लिए बनाई गई दुनिया की पहली वैक्सीन कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov) खरीदने का फैसला किया है. इसके अलावा ग्रीस, पोलैंड और ऑस्ट्रिया भी रूस की इस वैक्सीन को खरीदने का भरोसा दिला चुके हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
Another #Russian first - ‘World’s First’ COVID-19 Vaccine for Animals🐶🐱
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मिंस्क (Minsk) नाम के जीव की खाल से फर बनाया जाता है. इसके फर का उपयोग कॉस्मेटिक्स में होता है. दुनिया भर के फर उद्योग में रूस का हिस्सा 3 फीसदी है. जबकि, सोवियत संघ के समय में यह 30 फीसदी था. इसलिए यहां के मिंस्क को कोरोना से बचाने के लिए अब कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov) वैक्सीन लगाया जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
इंसानों के लिए दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V बनाने वाले गामालेया इंस्टीट्यूट के प्रमुख एलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने कहा कि कोरोना की अगली लहर कभी भी जानवरों को अपना शिकार बना सकती है. जानवरों में अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स पैदा हुए तो उनके संक्रमण से बचने के लिए इंसानों को काफी मेहनत करनी पड़ेगी. वो बेहद खतरनाक हो सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)
एलेक्जेंडर ने चेतावनी दी कि कोरोनावायरस इंसानों के बाद अब फार्म एनीमल्स और घरेलू जानवरों पर हमला करने की फिराक में है. इसलिए जरूरी है कि ऐसे जीव जो फार्म में पाले जाते हैं. या फिर उन जीवों को जिन्हें घर पर रखा जाता है, उन्हें कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov) वैक्सीन की डोज दे दी जाए. (फोटोः रॉयटर्स)
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हालांकि, कुछ साइंटिस्ट्स का मानना है कि कुत्ते और बिल्लियों से कोरोना के फैलने की आशंका कम है, क्योंकि वो कोरोनावायरस से गंभीर रूप से संक्रमित नहीं होते. उनमें कोरोना का संक्रमण बेहद हल्का होता है. रूस में जानवरों पर क्लीनिकल ट्रायल अक्टूबर में शुरू हुआ था. इसमें कुत्ते, बिल्लियां, आर्कटिक लोमड़ियां, मिंस्क, लोमड़ियां और कुछ अन्य जीव शामिल थे. (फोटोः रॉयटर्स)
रोसेलखोजनाजोर (Rosselkhoznadzor) के डिप्टी हेड कॉन्सटैन्टिन सैवेनकोव ने कहा कि इन जानवरों पर किए गए ट्रायल में एक बात स्पष्ट हो गई है कि इन जीवों को कार्नीवैक-सीओवी (Carnivac-Cov) देने के बाद एंटीबॉडी बढ़े हैं. ये कोरोनावायरस से लड़ाई करने में अब सक्षम हैं. इनसे किसी अन्य जीव या इंसानों को कोरोना होने का खतरा नहीं रहेगा. (फोटोः रॉयटर्स)
कॉन्सटैन्टिन ने कहा कि इन जानवरों के शरीर में छह महीने बाद तक कोरोनावायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बने रहे हैं. हम अप्रैल में वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देंगे. साथ ही इन जानवरों पर वैक्सीन लगने के बाद के असर और अन्य बदलावों का अध्ययन करते रहेंगे. (फोटोः रॉयटर्स)
First corona vaccine for animals registered in Russia: why is it necessary? https://t.co/AaiQNskGwS via @Afri_nik
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