आज सावन का गुरु प्रदोष व्रत है. जो प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ता है उसे गुरु प्रदोष कहते हैं. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. वहीं प्रदोष व्रत में भी भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सावन में गुरु प्रदोष व्रत का महत्व काफी बढ़ जाता है. माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव भक्तों जल्द प्रसन्न होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है. गुरु प्रदोष व्रत में शिव के साथ भगवान विष्णु का भी आशिर्वाद मिलता है.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
सावन की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी आज शाम 5 बजकर 09 मिनट से शुरू होगी. त्रयोदशी की तिथि का समापन 6 अगस्त की शाम 6 बजकर 28 मिनट पर होगा. प्रदोष व्रत के दिन आज हर्षण योग का निर्माण भी हो रहा है. ये योग को शुभ माना जाता है. किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व शुरू होकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत में भगवान शिव और विष्णु भगवान की पूजा की जाती है. गुरु प्रदोष के दिन नहा धोकर साफ हल्के पीले या गुलाबी कपड़े पहने. केले के पेड़ के नीचे गाय के घी का दीया जलाकर विष्णु भगवान के 108 नामों का जाप करें. सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र ऊं नमः शिवाय और नारायण नारायण मन ही मन जाप करते रहे और निराहार रहें. शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराएं. इसके बाद शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से से पूजन करें. भगवान शिव को साबुत चावल की खीर और भगवान विष्णु को पीले फल-फूल अर्पण करें.
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
गुरु को ज्ञान और सौभाग्य का कारक माना गया है जिसके कारण सभी मांगलिक कामों में गुरु की प्रधानता रहती हैं. गुरु प्रदोष व्रत करने से सुख-सौभाग्य का वरदान मिलता है. कन्याओं के विवाह में गुरु का आशीर्वाद सौभाग्य को बढ़ाता है. एक पीले आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करें एक हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें. जरूरतमंद लोगों को पीला कपड़ा पीली मिठाई चने की दाल हल्दी गुड़ आदि का दान करने से दाम्पत्य जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं.