Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष का आज सातवां दिन है, इसलिए आज सप्तमी का श्राद्ध किया जाएगा. सप्तमी श्राद्ध में परिवार के उन मृत सदस्यों, पूर्वजों का तर्पण किया जाता है जिनकी मृत्यु सप्तमी तिथि को हुई है. आइए जानते हैं कि सप्तमी श्राद्ध पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए कैसे अनुष्ठान किया जाता है और इसमें श्राद्ध कर्म की सही विधि क्या है.
सप्तमी श्राद्ध की विधि (Saptami shradh vidhi)
ऐसी मान्यताएं हैं कि सप्तमी श्राद्ध पर सात ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. इस दिन कुश के आसन पर बैठकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्री हरि भगवान विष्णु के पुरुषोत्तम स्वरूप की आराधना की जाती है. इसके बाद भगवत गीता के सातवें अध्याय का पाठ किया जाता है. पितरों की शांति के लिए विशेष पितृ मंत्र का जाप भी जरूर करना चाहिए.
सप्तमी का श्राद्ध करने के लिए हाथ में कुश, जौ, गंगाजल, दूध, काला तिल और अक्षत लेकर संकल्प लें. फिर "ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये." इस मंत्र का जाप करें. अंत में चीटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर परोसने के बाद सात ब्राह्मणों को भोजन कराएं. फिर उन्हें अपने सामार्थ्य के अनुसार, दान-दक्षिणा दें.
सप्तमी श्राद्ध मुहूर्त (Saptami shradh muhurt)
कुतुप मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 51 मिनट से सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
अपराह्न काल- दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक
आगामी श्राद्ध तिथियां
06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार- अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023, शनिवार- नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023, रविवार- दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023, सोमवार- एकादशी श्राद्ध
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार- मघा श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023, बुधवार- द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार- त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023, शनिवार- सर्व पितृ अमावस्या