Lakshmi Mata Aarti: दिवाली का सप्ताह धनतेरस से शुरू हो जाता है. इस बार धनतेरस 10 नवंबर यानी कल मनाया जाएगा और दिवाली का त्योहार 12 नवंबर यानी रविवार को मनाया जाएगा. धनतेरस और दिवाली के दिन धन वैभव की देवी लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि माता लक्ष्मी के पूजन से मनुष्य को जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त होती है. दिवाली और धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा के बाद मां की आरती जरूर करें, जिससे जीवन में सौभाग्य प्राप्त होता है.
माता लक्ष्मी की आरती (Mata Lakshmi Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निस दिन सेवत, हर विष्णु धाता ॥ ॐ जय...॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय...॥
दुर्गारूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ ॐ जय...॥
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय...॥
जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॐ जय...॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॐ जय...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥ ॐ जय...॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ॥ ॐ जय...॥
मां लक्ष्मी पूजन विधि (Maa Lakshmi Pujan Vidhi)
दिवाली और धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. इस दिन शाम को पूजन के लिए एक चौकी तैयार करें और उसके बाद चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा रखें. प्रतिमाएं तैयार करने के बाद उनके आगे एक दीपक जलाएं. दीपक जलाने के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का संकल्प लें. उसके बाद मूर्तियों के आगे जल भरा एक कलश रखें. फिर मां लक्ष्मी और श्री गणेश के को फल, फूल, मिठाई, कलावा, रोली आदि चीजें अर्पित करें. उसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें.