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Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र का आठवां दिन आज, जानें माता महागौरी की पूजन विधि

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है और इस दिन देवी मां की विशेष पूजा की जाती है और अष्टमी का व्रत रखा जाता है. आज मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की जा रही है.

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Maa Mahagauri
Maa Mahagauri

Chaitra Navratri 2025: नवरात्र के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि तो मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता गौरी की उपासना की जाती है. भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी और उस कठोर पूजा के कारण इनका शरीर काला पड़ गया था. शिव जी के दर्शन और कृपा से इनका शरीर अत्यंत गौर हो गया था. तब से इनका नाम गौरी हो गया.

माता गौरी का उल्लेख रामायण में भी आता है और माता सीता ने भी श्रीराम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी. माता गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान अत्यंत लाभकारी है. विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक है. ज्योतिष में माता गौरी का संबंध शुक्र नामक ग्रह से माना जाता है. आज माता महागौरी का दिन है.

माता महागौरी की पूजन विधि

इस दिन पूजा पीले वस्त्र धारण करके आरंभ करें. उसके बाद मां के सामने घी का दीपक जलाएं और फिर ध्यान लगाएं. पूजा में माता को सफेद या पीले फूल अर्पित करें. उसके बाद उनके मंत्रों का जाप करें. अगर माता महागौरी की पूजा मध्यरात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे. 

माता महागौरी की पूजा की विशेष बातें

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- मां की उपासना सफेद वस्त्र धारण करके ही करें. 
- मां को सफेद फूल और सफेद मिठाई अर्पित करें. और माता को इत्र भी अर्पित करें.
- माता की पूजा इस तरह करने से मनचाहा विवाह हो जाता है. 

अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन की परंपरा

नवरात्र केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है. ये नारी शक्ति और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है. इसलिए, नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा है. हालांकि, नवरात्र में हर दिन कन्याओं के पूजन की परंपरा है. कन्या पूजन में 2 से 11 वर्ष की कन्या के पूजन का विधान है. अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग-अलग रूप को बताती है. 

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