scorecardresearch
 

दलाई लामा को सुनने जमा हुए 5000 विदेशी

जम्मू-कश्मीर के लेह में शुक्रवार को शुरू हो रहे दो दिवसीय कालचक्र समारोह में शामिल होने के लिए तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के चीनी अनुयायियों सहित विदेशों से 5,000 से ज्यादा अनुयायी यहां पहुंच चुके हैं.

Advertisement
X
दलाई लामा
दलाई लामा

जम्मू-कश्मीर के लेह में शुक्रवार को शुरू हो रहे दो दिवसीय कालचक्र समारोह में शामिल होने के लिए तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के चीनी अनुयायियों सहित विदेशों से 5,000 से ज्यादा अनुयायी यहां पहुंच चुके हैं. कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि गुरुवार को प्रारंभिक सशक्तिकरण समारोह में लगभग 1,40,000 लोगों ने भाग लिया.

नैतिकता, अहिंसा, शांति और धार्मिक निष्ठा का उपदेश देने वाले दलाई लामा ने गुरुवार को कहा, 'हम उस जगह पर बौद्ध शिक्षाओं के लिए एकत्र हुए हैं, जहां बौद्ध धर्म तिब्बत से आया है और लंबे समय के लिए फला-फूला है.'

उन्होंने कहा, 'हालांकि बहुत से लोग लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र से आए हैं, लेकिन लगभग 5,000 लोग विदेशों, चीन और अन्य बौद्ध देशों से आए हैं.' हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे भी समारोह में शिरकत करने के लिए लेह आए हैं.

शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने कहा, 'चीन और तिब्बत के बीच 1,000 साल से भी ज्यादा पुराना संबंध है. ऐतिहासिक तौर पर चीनी और बौद्ध प्राय: देखते हैं कि चीनी वरिष्ठ बौद्ध शिष्य हैं, जबकि तिब्बती कनिष्ठ शिष्य हैं.' उन्होंने कहा, 'मेरे लिए भगवान बुद्ध का अनुयायी होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.'

Advertisement

दलाई लामा के सहयोगियों ने बताया कि कालचक्र संबंधी प्रारंभिक सशक्तिकरण गुरुवार को हुआ, जबकि मुख्य सशक्तिकरण शुक्रवार और शनिवार को दिया जाएगा. दलाई लामा तिब्बती भाषा में बोलते हैं, और साथ में उसका अंग्रेजी, हिंदी और चीनी में अनुवाद होता रहता है. चीनी कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ विद्रोह में असफल होने के बाद दलाईलामा तिब्बत से पलायन कर 1959 में भारत आ गए थे.

Advertisement
Advertisement