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Navratri 2018: नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा

Navratri 2018 Puja Vidhi (नवरात्रि 2018 पूजा विधि) नवरात्र के पावन दिन शुरू हो गए हैं. बुधवार को मां शैलपुत्री और माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा एक साथ होगी. पहले दिन की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान.

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Navratri 2018 Puja Vidhi (नवरात्रि 2018 पूजा विधि)
Navratri 2018 Puja Vidhi (नवरात्रि 2018 पूजा विधि)

Navratri 2018 Puja Vidhi (नवरात्रि 2018 पूजा विधि) नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि (Navratri 2018) के इन नौ दिनों में हर दिन मां अपने अपने स्वरूपों में आकर आपको अलग-अलग वरदानों से लाभान्वित करेंगी. साल के अंत में आने वाली शारदीय नवरात्रि अधिक लोकप्रिय है. हालांकि वसंत नवरात्रि का उत्सव मां शक्ति की नौ देवियों या अवतारों को समर्पित है. इस बार पूरे के पूरे 9 नवरात्रों का व्रत होगा जोकि शुभ संकेत है. 17 अक्टूबर बुधवार को महाष्टमी की पूजा होगी, साथ ही कन्या पूजन होगा.

शारदीय नवरात्रों में माँ दुर्गा महामंगला कल्याणी बनकर आ रही हैं. माता बुधवार को राहु के स्वाति नक्षत्र में आ रही हैं. चंद्र शुक्र गुरु और बुध तुला राशि पर बैठे होंगे. तब गजकेसरी राज योग होगा. ऐसे में माँ दुर्गा महा कल्याणी बनकर आएंगी.

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10 अक्टूबर बुधवार को पहला और दूसरा नवरात्र साथ मनाएंगे. मां शैलपुत्री और माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा एक साथ होगी.

शैलपुत्री देवी का वह अवतार है जिसने पर्वतों के राजा हिमवंत (या हिमालय) की पुत्री के रूप में जन्म लिया था. इन्हें पार्वती के नाम से भी जाना जाता था. पार्वती यह नाम पर्वत शब्द से निकला है. पहाड़ को संस्कृत में पर्वत कहा जाता है. अपने पूर्व जन्म में देवी पार्वती सती थी. नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के "उमा" या "ब्रह्मचारिणी" रूप की पूजा की जाती है. देवी का यह रूप परम सत्य जानने के लिए तप या गहरी तपस्या को दर्शाता है. इस बार दिन पहला और दूसरा नवरात्र है. घट स्थापना पहले दिन होगी.

इस वर्ष नवरात्र (Navratri 2018) की कलश स्थापना अश्विनी शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 10 अक्टूबर बुधवार को होगी.

घट स्थापना कैसे करें

एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें

सबसे पहले घी से अखंड दीप-ज्योत जलाएं

मिटटी के बर्तन में बालू रेत मिटटी रखें

सबसे पहले खेत्री बिजने के लिए मिटटी में जौ मिलाएं

फिर पानी छिड़क दें, फिर कलश स्थापना करें

कलश में गंगा जल मिलाकर पानी रखें

कलश में दूर्वा ,सुपारी सिक्का केसर चावल बेलपत्र डालें

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कलश में आम के पल्लव रखें

इस बार नारियल पर नारंगी वस्त्र लपेटकर कलश पर रखें

कलश की गर्दन में कलावा बांधें ,स्वस्तिक बना दें

फिर कलश पूजन करें -

घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त

सुबह 11.50 से 12.38  

कैसे करें मां दुर्गा की पूजा

मां दुर्गा महा मंगला बन गयी हैं. पहले नवरात्र को माँ शैलपुत्री और माँ ब्रह्मचारी की पूजा होगी. मां दुर्गा को लाल सिंदूर, नारंगी फूल, लाल सेब फल, लडडू, लाल चुन्नी, वस्त्र और गुड़ चढ़ाना पड़ेगा. अगले 10  दिनों में आप बनेंगे भाग्यशाली. माँ दुर्गा शिक्षा, नौकरी, व्यापार, शादी और अच्छी सेहत का वरदान देंगी. अन्याय करने वाले को दंड मिलेगा.

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