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भीम की गदा सुनाती है पांडवों की अमर कथा

धर्म में हम दर्शन कुछ ऐसी निशानियों की जिनके बारे में अब तक आपने सुना होगा लेकिन उनके दर्शन नहीं किए होंगे. पांडवों के अज्ञातवास के बारे सभी ने सुना होगा. बहुत कुछ जानते भी होंगे, लेकिन अपने अज्ञातवास के दौरान वो खाने की जिन सामग्रियों का उपयोग करते थे उसे शायद ही किसी ने देखा होगा.

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धर्म में हम दर्शन कुछ ऐसी निशानियों की जिनके बारे में अब तक आपने सुना होगा लेकिन उनके दर्शन नहीं किए होंगे. पांडवों के अज्ञातवास के बारे सभी ने सुना होगा. बहुत कुछ जानते भी होंगे, लेकिन अपने अज्ञातवास के दौरान वो खाने की जिन सामग्रियों का उपयोग करते थे उसे शायद ही किसी ने देखा होगा.

उन दिनों पांडव जिस गेहूं का आटा खाते थे उसका एक दुर्लभ दाना आज भी बचा हुआ है. यह अकेला दाना 200 ग्राम का है. शिमला में ममलेश्‍वर महादेव के मंदिर में है यह गेहूं का दाना. करसोग के ममेल गांव में जहां अज्ञातवास के दौरान पांडव ठहरे थे, वहां आज भी उनकी निशानियां मौजूद हैं. केवल गेहूं का दाना ही नहीं बल्कि वहां आज भी मौजूद है भीम का ढोल जो कहता है कहानी भीम की विरता की, सुनाता है कहानी भीम की शिव भक्ति की.

पिथौरागढ़ में आज भी भीम की गदा भीम की वीरता की कहानी सुनाती है. जी हैं महाबलशाली भीम की गदा भक्तों को सुनाती है उनके अनगिनत वीरता की कहानियां.

पांच पांडवों के पांच शिवलिंग जो दर्शन देते हैं एक ही मंदिर में वो भी एक साथ. यू तो भोले की नगरी काशी में महादेव के अनगिनत चमत्कार देखने को मिलते हैं लेकिन पंच पांडेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में पांच पांडवों के द्वारा बनाए गए उनके प्रतीक के रूप में पाचं शिवलिंग के दर्शनों का सौभाग्य भक्तों के मिलता है. कहते हैं यहां आकर एक लोटा जल चढ़ाने भर से महादेव कर देते हैं पूरी हर मुराद.

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