महाना अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ माने जाने वाले आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़े कई विषयों पर गहन अध्ययन कर अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में कुछ नीतियों का उल्लेख किया है. उन्हीं नीतियों में आचार्य चाणक्य ने कुशल और योग्य व्यक्ति के बारे में कुछ बाते बताई हैं, जो इस प्रकार है-
आचार्य के मुताबिक, वह शख्स कुशल और योग्य समझा जाता है जो अपनी संतान की शादी एक अच्छे खानदान में करता है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसा करने से एक परिवार से दूसरे परिवार के बीच में गुणों का आदान-प्रदान होता है और इससे दोनों खानदानों का नाम रोशन होता है.
चाणक्य कहते हैं कि जो शख्स अपनी संतान को अच्छी शिक्षा और संस्कार देता है उसका मान-सम्मान और प्रसिद्धि दूर तक फैली हुई होती है. चाणक्य कहते हैं कि संतान को अच्छी शिक्षा देने से नौकरी और बिजनेस में कामयाबी मिलती है.
आगे आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुशल और योग्य शख्स वही होता है जो हमेशा अपने मित्र को सही शिक्षा देता है. बुरे और संघर्ष के समय में अपने मित्र की सहायता करने वाला शख्स ही आगे चलकर सम्मान की प्राप्ति करता है.
वहीं, आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब 'नीति शास्त्र' में दुश्मनों से कैसे निपटना चाहिए इसे बहुत बढ़िया तरीके से समझाया है. वे कहते हैं कि कभी भी अपने दुश्मनों से नफरत नहीं करनी चाहिए, बल्कि दुश्मनों को हमेशा अपनी बातों और दिमाग से उलझाए रखें, ताकि वह आप पर चाल चलने के बारे में ज्यादा ना सोच सके.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान के जीवन में सबसे बड़ी पूंजी उसका आत्मविश्वास होता है. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति में आत्मविश्वस होने पर मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में वह उसका सामना करने में सक्षम होता है, क्योंकि आत्मविश्वास वाले लोग कभी भी किसी काम में नाकाम नहीं होते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि किसी प्रकार का अर्जित ज्ञान कभी भी बेकार नहीं जाता है चाहे वो किताबी ज्ञान हो या फिर किसी काम को करने से मिला अनुभव का ज्ञान हो. चाणक्य कहते हैं कि ये आपका अनुभव एक ना एक दिन काम आता है और ऐसे व्यक्ति कभी भी जीवन में असफल नहीं होते.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन में पैसे की जरुरत हमेशा बनी रहती है. व्यक्ति का अच्छा-बुरा समय आता-जाता रहता है, इसलिए जीवन में सफलता पाने के लिए हमेशा आपके पास अतिरिक्त धन रहना चाहिए, क्योंकि बुरे वक्त में इसकी जरुरत पड़ती है.
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