5. ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद प्रकृति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. यही कारण है कि इस दौरान पेड़, पौधों और पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए. हालांकि तुलसी के पत्तों को पहले ही तोड़कर रख लें और पानी में भीगने दें. सूतक लगने के बाद यदि किसी को खाना परोसें भी तो उसमें तुलसी का पत्ता जरूर डालें.