पंडित दीपक मालवीन ने बताया कि 972 वर्षों बाद 22 मई को शनि जयंती पर चार ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ वृष राशि में रहेंगे. ऐसा ही संयोग सन 1048 में बना था और अब आगे पांच सौ वर्षों बाद होगा. इस विशेष संयोग में शनि देव की अपासना, अराधना और उनकी सामाग्रियों के दान देने से अधिक से अधिक लाभ मिलेगा.