Surya Grahan 2025: आज लगने वाला साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण आंशिक होगा, जो कि कन्या राशि में लगेगा. ज्योतिष दृष्टि से भी यह ग्रहण बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि 122 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि 15 दिनों के अंतराल पर 2 ग्रहण एक साथ लग रहे हैं. जहां पितृ पक्ष की शुरुआत ग्रहण से हुई थी तो वहीं अब समापन भी ग्रहण के साथ होगा. यह ग्रहण आज रात 11 बजे से शुरू होगा और इसका समापन 22 सितंबर यानी कल रात 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. तो चलिए जानते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण विश्व की किन किन जगहों पर दिखेगा और इतिहास से इसका क्या संबंध माना जा रहा है.
कहां कहां दिखेगा ये सूर्य ग्रहण (Where will this Surya Grahan 2025 visible)
ज्योतिषियों के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. बल्कि, यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, होबार्ट, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, वेलिंग्टन, नॉरफॉक द्विप के किंग्स्टन, क्राइस्टचर्च, फिजी और आसपास के द्विप में दिखाई देगा.
क्या भारत पर पड़ेगा सूर्य ग्रहण का असर?
सूर्य हमारी आत्मा का कारक होता है. भारत में इस ग्रहण से राजनैतिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है. ग्रहों के नजरिए से, इस समय भारत की मंगल की महादशा शुरू हुई है. वहीं, सूर्य अग्नि तत्व का कारक माना जाता है तो अग्नि से जुड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं.
क्यों अहम है यह सूर्य ग्रहण? (Why This Surya Grahan 2025 Is Special)
ज्योतिषियों के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या पर आज सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है. इसके अलावा, सूर्य, चंद्रमा और बुध तीनों ग्रह कन्या राशि में एक साथ विराजमान रहेंगे. साथ ही, उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य का गोचर हो रहा है. 30 साल बाद सूर्य शनि के आमने सामने होने से समसप्तक योग भी बन रहा है.
सूर्य ग्रहण में करें ये विशेष काम
ग्रहण है तो सावधानियों का ख्याल भी रखना होगा. इस सूर्य ग्रहण से गर्भवती महिलाओं का सतर्क रहना होगा. वैसे तो भारत में सूर्य ग्रहण का समय रात का है परंतु अगर इस दौरान मंत्रों का जाप कर सके तो अच्छा होगा. हालांकि, सूर्य ग्रहण के अगले दिन से ही मां दुर्गा के शुभ दिनों यानी शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है. वहीं जानकारों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के नकारात्मक असर को दूर करने के लिए नवरात्र की पूजा कवच का काम करेगी.
क्या है सूर्य ग्रहण का इतिहास से खास संबंध
ज्योतिष प्रतीक भट्ट के मुताबिक, साल 1903 में किंग एडवर्ड सप्तम और रानी एलेक्जेंड्रा का राज्याभिषेक हुआ था. इसके अलावा, इस साल में बंगाल विभाजन की योजना तैयार की गई थी और मद्रास में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था. साथ ही, इसी साल में भारत में अंग्रेजों की नींव मजबूत हुई थी.
क्या होता है सूर्य ग्रहण (What is Surya Grahan?)
जब चंद्रमा अपनी परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी का कुछ हिस्सा या पूरा भाग धरती पर नहीं पहुंच पाता, तो उसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. हालांकि, 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा.