Surya Grahan 2025: इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 2 दिन बाद, यानी 21 सितंबर को लगने जा रहा है. इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसी दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है. शास्त्रों के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृपक्ष का समापन होता है. ऐसे में सूर्य ग्रहण और अमावस्या का संयोग इस तिथि को बेहद खास माना जा रहा है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में घटित होगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा. चूंकि यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में ही लगने वाला है. इसलिए इस राशि के जातकों पर इसका सर्वाधिक प्रभाव हो सकता है. कन्या राशि वालों को सूर्य ग्रहण से संभलकर रहने की सलाह दी गई है.
आर्थिक नुकसान- इस दौरान इस राशि के जातकों को अचानक धन हानि हो सकती है. निवेश में नुकसान की संभावना बन रही है. नौकरी-व्यापार की गति सुस्त रहेगी. ग्रहण वाले दिन पैसों के लेन-देन से बचें. व्यापार में किसी बड़े सौदे से बचना होगा. अनजान लोगों पर आंख बंद करके भरोसा न करें.
मानसिक तनाव - निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति रहेगी. कार्यस्थल पर दबाव और निजी जीवन में टकराव जैसी परिस्थितियां बन सकती हैं. पारिवारिक माहौल अशांत रहेगा. बड़ा फैसला लेने से बचें. गृह क्लेश से मन चिंतित रह सकता है. ग्रहण काल के दौरान किसी सुनसान जगह पर जाने से परहेज करें.
सूर्य ग्रहण में क्या करें क्या नहीं
सूर्य ग्रहण में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इस दौरान मंदिर में पूजा-पाठ, खान-पान और धारदार व नुकीले उपकरणों का प्रयोग वर्जित माना गया है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है, इसलिए आपको ऐसे किसी नियम का पालन नहीं करना है. हालांकि ज्योतिषविद ने गर्भवती महिलाओं को थोड़ा संभलकर रहने की सलाह दी है. भगवान नाम का जाप करें. सुबह स्नानादि के बाद सूर्य को अर्घ्य दें . गायत्री मंत्र का जप करें. दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी. सूर्य ग्रहण के बाद अगले दिन सुबह गेहूं, ताम्बा, गुड़, मसूर दाल या सामर्थ्य के अनुसार धन का दान कर सकते हैं.