Mahashivratri 2023: इस साल भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को मनाया जाएगा. ऐसे में दक्षिण भारत के कोयम्बटूर स्थित ईशा योग केंद्र भी साल के सबसे बड़े उत्सव 'ईशा महाशिवरात्रि 2023' की मेजबानी के लिए तैयार हो गया है. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु की मौजूदगी में यहां 18 फरवरी को शाम 6 बजे से अगले दिन 19 फरवरी को सुबह 6 बजे तक शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाएगा. इस कार्यक्रम में हजारों लोगों के आने की उम्मीद है. जबकि लाखों लोग ऑनलाइन इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे.
'ईशा महाशिवरात्रि 2023' का 16 भाषाओं में ऑनलाइन लाइव प्रसारण होगा. भारत के प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क पर अंग्रेजी, तमिल, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मराठी समेत कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में इसे प्रसारित किया जाएगा. महाशिवरात्रि का महत्व समझाते हुए सद्गुरु कहते हैं, 'महाशिवरात्रि किसी धर्म या विश्वास की नहीं है. नस्ल या राष्ट्र की नहीं है. यह एक ऐसी रात है जिसमें ग्रहों की स्थिति मानव प्रणाली में ऊर्जा स्वाभावकि रूप से ऊपर उठती है. इसे ध्यानपूर्वक होकर अनुभव करें.'
ईशा महाशिवरात्रि ध्यानलिंग में पंच भूत आराधना और लिंग भैरवी महायात्रा के साथ शुरू होगी. इसके बाद सद्गुरु का प्रवचन होगा. फिर मध्यरात्रि ध्यान, आदियोगी दिव्य दर्शनम, एक 3डी प्रोजेक्शन वीडियो इमेजिंग शो दिखाया जाएगा.
इस मौके पर राजस्थानी लोक गायक मामे खान, पुरस्कार विजेता सितार वादक नीलाद्रि कुमार, टॉलीवुड गायक राम मिरियाला और तमिल पार्श्व गायक वेलमुरुगन जैसे देश के विभन्न हिस्सों से आए प्रसिद्ध कलाकार लोगों का मनोरंजन करेंगे. इस दौरान नृत्य प्रस्तुतियां भी उत्सव को चार चांद लगाने का काम करेंगी.
बीते कुछ साल में ईशा के प्रतिष्ठित महाशिवरात्रि उत्सव ने सभी स्ट्रीमिंग रिकॉर्डों को तोड़ा है. साल 2022 में इस कार्यक्रम को 192 देशों और 22 भाषाओं में लाइव प्रसारित किया गया था, जिसे करीब 14 करोड़ लोगों ने देखा था. जबकि 2021 में महाशिवरात्रि के इस कार्यक्रम को ऑनलाइन देखने वाले दर्शकों की संख्या 14 मार्च 2021 को प्रसारित हुए ग्रैमी अवॉर्ड से करीब 50 प्रतिशत ज्यादा थी.
ईशा महाशिवरात्रि से पहले लोग रुद्राक्ष दीक्षा, इन द ग्रेस ऑफ योग, यक्ष महोत्सव, महा अन्नदानम, महाशिवरात्रि साधना जैसे विभिन्न अर्पणों से भी लाभ ले सकते हैं.
इन ग्रेस ऑफ योग: सद्गुरु के साथ लाइव ईवेंट
'इन ग्रेस ऑफ योग' महाशिवरात्रि पर एक विशेष कार्यक्रम है, जो एक आध्यात्मिक साधक को साल के विशेष दिनों में से एक दिन गुरु की कृपा में डूबने का अवसर देता है. इस साल सद्गुरु प्रतिभागियों को पांच तत्वों को शुद्ध करने और उनका उपयोग करने के लिए शक्तिशाली प्रक्रियाओं और ध्यान से कराएंगे. इस कार्यक्रम को 9 भाषाओं में ऑनलाइन पेश किया जाएगा. 14 साल से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति कार्यक्रम में भाग ले सकता है.
रुद्राक्ष दीक्षा: ईशा द्वारा निशुल्क भेंट
'रुद्राक्ष' शब्द का अर्थ है- 'शिव के आंसू'. इसे पहनने वालों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है. सद्गुरु महाशिवरात्रि की रात को रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, जिसे लोग रजिस्ट्रेशन के बाद मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं. रुद्राक्ष दीक्षा पैकेज में भस्म, आदियोगी की एक तस्वीर, महत्वाकांक्षाओं को पूरा और भय को दूर करने वाला पवित्र धागा भी शामिल है. नि:शुल्क रुद्राक्ष दीक्षा के लिए आप यहां पंजीकरण कर सकते हैं.
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्साह के 11 दिन
इस साल ईशा में महाशिवरात्रि समारोह से पहले 15-17 फरवरी को शाम 7 बजे यक्ष उत्सव होगा. यह तीन दिवसीय उत्सव देश की ललित कलाओं के अनोखेपन, शुद्धता और विविधता को बढ़ावा देने का एक प्रयास है, जिसमें कई प्रसिद्ध कलाकार शामिल होंगे. ईशा योग केंद्र महाशिवरात्रि के बाद एक सप्ताह तक चलने वाले मेले की मेजबानी करेगा, जिसमें तमिलनाडु के लोक नर्तक प्रदर्शन करेंगे. महा अन्नदानम यहां आने वालों को भोजन प्रदान करेगा.