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Eid Milad-un-Nabi 2021: ईद मिलाद-उन-नबी आज, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ये त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. . इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्लाम के तीसरे महीने यानि मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो चुकी है. मोहम्मद साहब के जन्मदिन (Prophet Muhammad birth anniversary) पर लोग उनकी याद में जुलूस निकालते हैं. इस दिन जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं.

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ईद मिलाद उन-नबी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है
ईद मिलाद उन-नबी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ईद मिलाद-उन-नबी आज
  • पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन
  • मोहम्मद साहब ने दिया था मानवता का संदेश

Eid Milad-un-Nabi 2021: दुनिया भर में आज मिलाद उन-नबी (Eid Milad 2021) का त्योहार मनाया जा रहा है. इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ये त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. . इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्लाम के तीसरे महीने यानि मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो चुकी है. मोहम्मद साहब के जन्मदिन (Prophet Muhammad birth anniversary) पर लोग उनकी याद में जुलूस निकालते हैं. इस दिन जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं. 

पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म- पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के रेगिस्तान के शहर मक्का में 571 ईस्वी में 12 तारीख को हुआ था. पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था. जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई. मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे. इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था. अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी. इसके बाद ही पैगंबर साहब  ने पवित्र कुरान का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया. 

ईद मिलाद उन-नबी का महत्व- ईद मिलाद उन-नबी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन रात भर प्राथनाएं होती हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकाले जाते हैं. घरों और मस्जिदों में आज कुरान पढ़ी जाती है. ईद मिलाद उन-नबी के मौके पर घर और मस्जिद को सजाया जाता है और मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़ा जाता है. हजरत मोहम्मद का एक ही संदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है. आज के दिन लोग गरीबों में दान भी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि ईद मिलाद उन-नबी के दिन दान और जकात करने से अल्लाह खुश होते हैं.

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