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Diwali 2021: कौन हैं अलक्ष्मी? दिवाली पर इनका अशुभ प्रभाव कर देगा कंगाल

Diwali 2021: दिवाली की रात सुख-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी का पूजन होता है. मां लक्ष्मी वहीं वास करती हैं, जहां साफ सफाई होती है. ऐसे में यदि जरा सी भूल हो जाए, तो मां लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी का घर में आ जाती हैं. अलक्ष्मी के घर में वास करने से बुरा समय शुरू हो जाता है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 14 रत्नों में नहीं है अलक्ष्मी की गिनती
  • समुद्र मंथन के दौरान हुई थी उत्पत्ति

Diwali 2021: दिवाली की रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. इससे पहले लोग अपने घरों को अच्छी तरह सजाते हैं, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर उनके घर आएं, लेकिन यदि इस दौरान मां लक्ष्मी को आपके यहां गंदगी मिली, तो वे रूठकर वापस चली जाएंगी और उनकी बड़ी बहन 'अलक्ष्मी' का आपके घर में वास हो जाएगा. मां लक्ष्मी की ​बड़ी बहन अलक्ष्मी उनके बिल्कुल विपरीत हैं. आपको बताते हैं अलक्ष्मी की कहानी और वे किन घरों में करती हैं वास...

ये है कथा 
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान महालक्ष्मी से पहली उनकी बड़ी बहन अलक्ष्मी निकली थीं, हालांकि अलक्ष्मी को 14 रत्नों में नहीं गिना जाता है. 'अलक्ष्मी' को 'ज्येष्ठा लक्ष्मी' के नाम से भी जाना जाता है और इनका स्वरूप लक्ष्मी से विपरीत बताया जाता है. माता लक्ष्मी से हमें शौर्य, विजय, वर, धन, सुख-समृद्धि आदि प्राप्त होता है. इसके विपरीत अलक्ष्मी कष्ट, क्लेश, ताप, दरिद्री, अपयश आदि की देवी बताई गई हैं. मान्यता है कि अलक्ष्मी की उत्पति के समय इन्हें किसी भी देवी या देवता ने नहीं अपनाया था और भगवान विष्णु के आदेश पर इन्होंने अपना वास ऐसे स्थान को बनाया, जहां पर लोग आपस में लड़ते हों, जहां पर स्त्री का सम्मान न हो, जहां पर घर में माता और पिता का सम्मान न होता हो, जिस स्थान पर द्युत क्रीड़ा होती हो और जहां पर मदिरापान होता हो. इसीलिए देवी अलक्ष्मी गरीबी और दरिद्रता की देवी मानी जाती हैं. 

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इन स्थानों पर होता है अलक्ष्मी का वास 
पौराणिक कथा के अनुसार अलक्ष्मी का विवाह उद्दालक मुनि से हुआ था. विवाह के उपरांत जब मुनि अलक्ष्मी को लेकर अपने आश्रम पहुंचे, तो उन्होंने आश्रम में प्रवेश करने से मना कर दिया. कारण पूछने पर बताया कि यहां साफ-सफाई है और शांत माहौल है. वे उन स्थान पर रह सकती हैं, जहां गंदगी रहती हो और लोग आपस में हर समय लड़ाई-झगड़ा करते हों. जहां गलत काम होते हैं और लोग अधर्म के रास्तें पर चलते हों. साफ-सफाई वाले स्थान पर या जहां प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है, उन स्थानों पर उनकी बहन लक्ष्मी का वास होता है. 

ये भूल करने से बचें 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि दिवाली की रात ही नहीं बल्कि हर दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि मां लक्ष्मी वहीं आती हैं, जहां गंदगी नहीं होती है. इसके अलावा घर में अच्छा माहौल भी होना चाहिए. जिन घरों में रोज लड़ाई झगड़े होते हैं, उन घरों में भी मां लक्ष्मी नहीं रुकती हैं.

 

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