Sawan Pradosh Vrat 2024: हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. लेकिन सावन में आने वाले प्रदोष व्रत की महिमा अलग है. आज सावन माह का पहला प्रदोष व्रत है. शास्त्रों में इसे भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन बताया गया है. कहते हैं कि सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत में महादेव की पूजा से व्यक्ति को मनचाहा फल प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है.
सावन प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
सावन प्रदोष व्रत में आज पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 11 मिनट से लेकर रात को 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करें. उनके मंत्रों का जाप करें और जरूरतमंदों, गरीबों को दान-दक्षिणा दें.
सावन प्रदोष व्रत की पूजन विधि
सावन के पहले प्रदोष व्रत के शुभ अवसर पर सवेरे-सवेरे उठकर स्नान करें और सफेद या पीले वस्त्र धारण करें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना है. इस दिन पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करना है. शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का दूध, दही और पंचामृत से अभिषेक करें. उसके बाद भगवान शिव को पीले या सफेद चंदन से टीका लगाएं. भगवान शिव को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें और उन्हें पुष्प चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना करें. साथ ही साथ ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप भी करना है. माता पार्वती का भी ध्यान लगाना है.
प्रदोष व्रत के उपाय
1. व्यापार में लाभ- मिट्टी के तीन दीपक में पीली सरसों के दाने, तिल, साबुत नमक और साबुत धनिया मिलाकर अपने व्यापार स्थल पर रख दें. इससे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी .
2. पढ़ाई-लिखाई में सफलता- लाल मिर्च के बीज निकालकर इन्हें जल में मिलाएं. दिन में किसी भी समय इस जल को सूर्य को अर्पित करें. डिप्रेशन की समस्या में निजात मिलेगा.
3. परिवार में सुख-शांति- इस दिन महादेव को दही और शहद मिश्रित भोग अर्पित करें. माना जाता है कि ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में आ रहे क्लेश दूर हो जाते हैं.
4. शत्रुओं पर विजय- शिव जी को गंगाजल से साफ किया गया शमी पत्र अर्पित करना चाहिए. साथ ही वहां बैठकर 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें.