scorecardresearch
 

पितृ पक्ष में मरने वालों को मिलता है मोक्ष, क्या खुले रहते हैं स्वर्ग के दरवाजे?

बुजुर्गों को अक्सर ये भी कहते सुना होगा, कि पितृ पक्ष में जो लोग प्राण त्यागते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्वर्ग के दरवाजे उनके लिए खुले रहते हैं. आइये बताते हैं कि क्या है ये मान्यता और इसकी सच्चाई.

Advertisement
X
पितृ पक्ष में मरने वालों को मिलता है मोक्ष
पितृ पक्ष में मरने वालों को मिलता है मोक्ष
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जीवन मृत्यु के बंधन से हो जाते हैं आजाद
  • आत्मज्ञान होने के बाद ही मिलता है मोक्ष

मोक्ष यानि जीवन मृत्यु के बंधन से आजादी. पुराणों के अनुसार जन्म मृत्यु का सिलसिला लगातार चलता रहता है, लेकिन इस बंधन से मुक्ति व्यक्ति के कर्म दिलाते हैं. अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को स्वर्ग मिलता है और बुरे कर्म करने वालों को नरक. बुजुर्गों को अक्सर ये भी कहते सुना होगा, कि पितृ पक्ष में जो लोग प्राण त्यागते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्वर्ग के दरवाजे उनके लिए खुले रहते हैं. आइये बताते हैं कि क्या है ये मान्यता और इसकी सच्चाई.

जन्म जन्मांतर की है ये श्रृंखला
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद से लेकर दर्शनशास्त्र, पुराण, गीता, योग आदि ग्रंथों में पूर्वजन्म की मान्यता का प्रतिपादन किया गया है. कहते हैं जो श्राद्ध पक्ष में मरता है व गया जी में पिंडदान होता है उनका मनुष्य के रूप में पुर्नजन्म होता है. शरीर की मृत्यु जीवन का अंत नहीं है. ये जन्म जन्मांतर की श्रृंखला है. 84 लाख योनियों में जीवात्मा भ्रमण करती है. आत्मज्ञान होने के बाद ही ये श्रृंखला रुकती है, जिसे मोक्ष के नाम से जाना जाता है. फिर भी आत्मा स्वयं के निर्णय, लोकसेवा, संसारी जीवों को मुक्त कराने की उदात्त भावना से भी जन्म धारण करता है. 

इसलिए मिलता है मोक्ष 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति पितृ पक्ष में प्राण त्यागता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कारण है कि पितृ पक्ष के दिनों में भले ही कोई शुभ कार्य नहीं होते हैं, लेकिन ये दिन अशुभ नहीं हैं. पितृ पक्ष को आध्यात्मिक पर्व माना जाता है. इस समय में स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं. क्योंकि पुनीत आत्माओं का आगमन पृथ्वी पर होता है. यही वजह है कि इस समय जो ​व्यक्ति प्राण त्यागता है, उसे स्वर्ग मिलता है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पितृ पक्ष में कोई व्यक्ति प्राण त्यागता है, तो उस व्यक्ति की मृत आत्मा अपनी दिवंगत मृत परिजनों की आत्माओं के साथ संबंध जोड़ने में सफल होती है. जिससे उस दिवंगत आत्मा की जो परेशानी या बैचेनी है, वो शांत हो जाती है. और अपनी दिवंगत मृत आत्माओं का सान्निध्य पाकर अपनी आत्म उन्नति का मार्ग प्राप्त करती है, इसलिए कहा गया है कि पितृपक्ष में मरने वालों को परलोक मिलता है.

Advertisement

इसलिए जरूरी होता है श्राद्ध  
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष Pitru Paksha 2021 में पितृ 15 दिन तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं. इस दौरान पितृ अपने परिजनों के आसपास रहते हैं. मान्‍यता है क‍ि जो लोग अपने प‍ितरों का श्राद्ध नहीं करते हैं उनका जीवन अत्‍यंत कष्‍टमय रहता है. यही नहीं, मृत्‍यु के बाद भी नरक का दु:ख भोगना पड़ता है. मार्कंडेय पुराण के अनुसार, श्राद्ध से संतुष्ट होकर पितर श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, संतति, धन, विघ्या, सभी प्रकार के सुख और मरणोपरांत स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं.

 

Advertisement
Advertisement