scorecardresearch
 

Phulera Dooj 2021: फुलेरा दूज पर आज कैसे करें राधा-कृष्ण की पूजा? बरतें ये सावधानियां

ज्योतिषियों के मुताबिक, फुलेरा दूज पूरी तरह दोषमुक्त दिन है. इस दिन का हर क्षण शुभ होता है. इसलिए कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती.

Advertisement
X
Phulera Dooj 2021: फुलेरा दूज आज, जानें इसका महत्व और पूजन विधि
Phulera Dooj 2021: फुलेरा दूज आज, जानें इसका महत्व और पूजन विधि
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फुलेरा दूज पूरी तरह दोषमुक्त दिन है
  • शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं

फुलेरा दूज का त्योहार बसंत पंचमी और होली के बीच फाल्गुन में मनाया जाता हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक, फुलेरा दूज पूरी तरह दोषमुक्त दिन है. इस दिन का हर क्षण शुभ होता है. इसलिए कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती. इस बार फुलेरा दूज का पर्व 15 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है. आइए जानते हैं और किन बातों के लिए महत्वपूर्ण है फुलेरा दूज का त्योहार.

फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज मुख्य रूप से बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है. वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए इसे मनाया जाता है. फुलेरा दूज वर्ष का अबूझ मुहूर्त भी माना जाता है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. फुलेरा दूज में मुख्य रूप से श्री राधा-कृष्ण की पूजा की जाती है. जिनकी कुंडली में प्रेम का अभाव हो, उन्हें इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर करने के लिए भी इस दिन पूजा की जाती है.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो अगर आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो फुलेरा दूज का दिन इसके लिए सबसे उत्तम होगा. माना जाता है कि इस दिन में साक्षात श्रीकृष्ण का अंश होता है. तो जो भक्त प्रेम और श्रद्धा से राधा-कृष्ण की उपासना करते हैं, श्रीकृष्ण उनके जीवन में प्रेम और खुशियां बरसाते हैं.

Advertisement

फुलेरा दूज का पर्व मनाने की विधि
शाम को स्नान करके पूरा श्रृंगार करें. राधा-कृष्ण को सुगन्धित फूलों से सजाएं. राधा-कृष्ण को सुगंध और अबीर-गुलाल भी अर्पित कर सकते हैं. प्रसाद में सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें. इसके बाद 'मधुराष्टक' या 'राधा कृपा कटाक्ष' का पाठ करें. अगर पाठ करना कठिन हो तो केवल 'राधेकृष्ण' का जाप कर सकते हैं. श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें और प्रसाद ग्रहण करें.

कृष्ण भक्त इस दिन को बड़े उत्साह से मनाते हैं. राधे-कृष्ण को गुलाल लगाते हैं. भोग, भजन-कीर्तन करते हैं क्योंकि फुलेरा दूज का दिन कृष्ण से प्रेम को जताने का दिन है. इस दिन भक्त कान्हा पर जितना प्रेम बरसाते हैं, उतना ही प्रेम कान्हा भी अपने भक्तों पर लुटाते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन आप अपने जीवनसाथी के साथ मतभेद दूर करने के उपाय भी कर सकते हैं. जानिए कैसे:

जीवनसाथी आपकी बात ना समझे तो...
सोने वाले पलंग के चारों पावों में गुलाबी धागा बांधें. पलंग के नीचे गंदगी इकट्ठा न होने दें. सोने के लिए ढेर सारे तकियों का प्रयोग न करें. फुलेरा दूज पर राधे-कृष्ण की उपासना आपके जीवन को सुंदर और प्रेमपूर्ण बना सकती है. तो आप भी पूरे आनंद से ये पर्व मनाइए और कृष्ण भक्ति का लाभ उठाइए

Advertisement

प्रेम और खुशियां बिखेरने वाला दिन
इसे फूलों का त्योहार भी कहते हैं क्योंकि फाल्गुन महीने में कई तरह के सुंदर और रंगबिरंगे फूलों का आगमन होता है और इन्हीं फूलों से राधे-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो फुलेरा दूज के दिन से ही लोग होली के रंगों की शुरुआत कर देते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से ही भगवान कृष्ण होली की तैयारी करने लगते थे और होली आने पर पूरे गोकुल को गुलाल से रंग देते थे.

क्या हैं फुलेरा दूज मनाने की सावधानियां?
शाम का समय ही पूजन के लिए सबसे उत्तम होगा. रंगीन और साफ कपड़े पहनकर आनंद से पूजा करें. अगर प्रेम के लिए पूजा करनी है तो गुलाबी कपड़े पहनें. अगर वैवाहिक जीवन के लिए पूजा करनी है तो पीले कपड़े पहनें. पूजा के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.

 

Advertisement
Advertisement