ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से व्यक्ति को श्री नारायण के साथ लक्ष्मी जी के पूजन से प्राप्त होने वाले समस्त फलों की प्राप्ति होती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार भक्त श्री लक्ष्मी नारायण पूजा का प्रयोग लंबी आयु, स्वास्थ्य, समृद्धि, आध्यात्मिक विकास, व्यापार में सफलता और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए करते हैं.
अगर आप भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं या फिर अपनी कोई मनोकामना जल्द पूरी करना चाहते हैं तो उनका पूजन करते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें.
-कौन कौन से ग्रह की पूजा करने से लक्ष्मीनारायण होंगे प्रसन्न-
- जन्म पत्रिका में चंद्रमा और शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है.
- चंद्रमा और शुक्र की पूजा करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- चंद्रमा और शुक्र को प्रसन्न के लिए घर में काले और नीले रंग का प्रयोग बिल्कुल ना करें.
- अपने घर के दक्षिण पूर्वी भाग में रसोई घर जरूर बनाएं.
- हर रोज रसोई घर में काम करने से पहले घर की महिलाएं घर की इसी दिशा में एक दीया जरूर जलाएं उसके बाद ही रसोई घर का कार्य आरंभ करें.
-कौन सी गलतियां करके आप अनजाने में घर में दरिद्रता को बुलाते है-
- यदि आप अपने घर की महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं तो इससे शुक्र और चंद्रमा की अशुभता बनती है. जिसके कारण घर में दरिद्रता का वास होता है.
- अपने घर के दक्षिण पूर्वी कोनें में अर्थात आग्नेय कोण में जलभराव रखते हैं. जिसकी वजह से वहां वास्तु दोष उत्पन्न होने लगता है और घर में हमेशा के लिए दरिद्रता का वास हो जाता है.
-आप हर रोज रात्रि में देर तक जागते हैं और सुबह देर से ही उठते हैं इससे भी शनि और चंद्रमां का दुष्प्रभाव आने के कारण घर में दरिद्रता आने लगती है.
-भगवान लक्ष्मीनारायण जी को कैसे करें प्रसन्न कर मिलेगा रुका हुआ धन-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या गुलाबी कपड़े पहने.
- गेहूं के आटे का एक दीया बनाएं.
- दीये में लाल कलावे की बाती के साथ देसी घी भरें.
- श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर में यह दीया जलायें.
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं लक्ष्मीनारायनाय नमः मन्त्र का एक माला जाप करें.
- अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
- अपने रुके हुए धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें.
-घर मे अन्न और धन बढ़ाने का महाउपाय-
- शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन शाम के समय स्नान करके एक लाल आसन पर बैठे और अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ करें.
- अपने सामने लकड़ी के पटरे पर एक सवा मीटर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर श्री लक्ष्मी नारायण जी की फोटो स्थापित करें और गाय के घी का दीपक जलाएं.
- एक शुद्ध स्फटिक की माला से ॐ दारिद्रध्वंसनी नमः मंत्र का तीन माला जाप करें.
- जाप के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण को गुलाब का इत्र अर्पण करें और उसी इत्र को हर रोज इस्तेमाल करें.