Hariyali Amavasya 2024: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. हरियाली अमावस्या पर दान, स्नान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांत के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या 4 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है. कहते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya 2024 Shubh Muhurat)
श्रावण मास की अमावस्या तिथि 3 अगस्त यानी कल दिन में 3 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 4 अगस्त को शाम 4 बजकर 42 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, हरियाली अमावस्या 4 अगस्त यानी आज ही मनाई जा रही है. हरियाली अमावस्या पर आज स्नान दान ब्रह्म मुहूर्त में करें, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से लेकर 05 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
हरियाली अमावस्या शुभ योग (Hariyali Amavasya Shubh Yog)
हरियाली अमावस्या पर इस बार कई सारे शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है. आज पुष्य नक्षत्र, सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग का निर्माण होने जा रहा है. रवि पुष्य योग सुबह 5 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी इसी समय बनेगा.
हरियाली अमावस्या पूजन विधि (Hariyali Amavasya Pujan Vidhi)
हरियाली अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है. आप घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. सूर्य देव को अर्घ्य दें. ऐसा माना जाता है कि हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी बांटने से जीवनसाथी को लंबी उम्र मिलती है और घर में खुशियां भी आती हैं. हरियाली अमावस्या के दिन भक्त पीपल और तुलसी के पेड़ों की भी पूजा करते हैं और परिक्रमा करते हैं. इस दिन मालपुआ को प्रसाद के रूप में चढ़ाने की परंपरा है. इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है.
हरियाली अमावस्या उपाय (Hariyali Amavasya Upay)
स्वास्थ्य समस्या का उपाय
खीर बनाकर शिवजी को अर्पित करें. कुछ अंश पितरों के नाम से भी निकालें. शिवजी को अर्पित की हुयी खीर निर्धनों में बांटें. पितरों की खीर किसी पशु को खिला दें. सफेद चन्दन की लकड़ी नीले धागे में बांधकर पहन लें.
पारिवारिक समस्या का उपाय
स्नान करके नारंगी वस्त्र धारण करें. भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा करें. उनके समक्ष "ऊं गौरीशंकराय नमः" का जप करें. सात्विक भोजन बनाकर दान करें.
हरियाली अमावस्या गलतियां (Hariyali Amavasya Precautions)
1. अमावस्या पर घर में पितरों की कृपा पाने के लिए घर में कलह का माहौल बिल्कुल नहीं होना चाहिए. लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए. इस दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए.
2. अमावस्या पर किसी इंसान को श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए. इस समय बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं और मानव इन बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं.
3. अमावस्या पर मांस मदिरा इत्यादि से दूर रहें. हरियाली अमावस्या के दिन नाखून या बाल नहीं कटवाने चाहिए. इन कामों को भी वर्जित किया गया है.