(Ganga Dussehra 2021): हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का त्योहार काफी महत्व रखता है. गंगा दशहरा यानी मां गंगा के स्वर्ग से धरती पर आने का दिन. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा करने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है. इस पावन मौके पर पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने में मनुष्यों को पाप से मुक्ति मिल जाती है.
गंगा में लगाई एक डुबकी व्यक्ति के भाग्य को बदल सकती है. शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस बार 20 जून, दिन रविवार को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा. गंगा दशहरे पर गंगा में डुबकी लगाने के बाद दान करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. आइए जानतें हैं पंडित प्रवीण मिश्रा से कि गंगा दशहरा पर पापों से मुक्ति पाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए.
गंगा में डुबकी देती है पापों से मुक्ति:
पंडित प्रवीण मिश्रा कहते हैं कि मुनष्य से जाने-अनजाने कई गलतियां हो जाती हैं. राह चलते किसी चींटी का पैरो तले दब जाना भी एक तरह का पाप माना जाता है. वाणी द्वारा किसी का दिल दुखाना भी पाप के अंतर्गत आता है. इतना ही नहीं पशु-पक्षियों को पिंजरे में रखना भी पाप होता है. ज्योतिष में पाप के बारे में कहा जाता है कि व्यक्ति जाने-अनजाने वाणी द्वारा, मन द्वारा और कर्म द्वारा पाप करता है. इन पापों से मु्क्ति पाने का सबसे अच्छा अवसर गंगा दशहरा का दिन माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल सकती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. यूं तो साल भर गंगा घाट पर मां गंगा की पूजा-अर्चना और स्नान के लिए हजारों लोग आते हैं, लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा में डुबकी लगाने का विशेष महत्व माना जाता है.
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त:
10वीं तिथि प्रारंभ- 19 जून 2021, शाम 6.50 बजे से
10वीं तिथि समाप्त- 20 जून 2021, शाम 4.25 बजे तक
गंगा दशहरा पर करें ये उपाय:
पंडित प्रविण मिश्रा के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करें. अगर ये संभव ना हो सके तो बहती नदी या तालाब में भी स्नान कर सकते हैं. यदि इनमें से कुछ भी संभव ना हो पाए तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल डालकर हर-हर गंगे का जाप करते हुए स्नान करें. इसके बाद सूर्ये देव को जल अर्पित करें. घर में पूजा स्थान पर दीप जलाएं. देवी-देवताओं की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं. हर-हर गंगे और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करें और इनकी अराधना करें. इसके बाद मां गंगा की आरती करें. आरती के बाद गरीब या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को खाने की सामग्री दान करें. आटा, दाल, नमक, चावल, घी, सब्जी आदि का दान कर सकते हैं. इसके अलावा, फल भी दान कर सकते हैं. इस दिन व्रत करने का विशेष महत्व है. जो लोग व्रत नहीं कर पाते हैं वो दान करने के बाद भोजन ग्रहण कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा पर स्नान करने से और दान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.