Choti Diwali 2024: आज नरक चतुर्दशी है और इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. छोटी दिवाली के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है.
छोटी दिवाली के दिन घर में 12 दीये जलाए जाते हैं और इस दिन हनुमान जंयती भी मनाई जाती है. छोटी दिवाली के दिन श्रीकृष्ण की उपासना भी की जाती है क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था. इस दिन यमराज की पूजा कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जाती है.
छोटी दिवाली 2024 शुभ मुहूर्त (Chhoti Diwali 2024 Shubh Muhurat)
चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर यानी आज दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से होगी और चतुर्दशी तिथि का समापन 31 अक्टूबर को दिन में 3 बजकर 52 मिनट पर होगा. इस दिन अभ्यांग स्नान मुहूर्त 30 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से लेकर 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
छोटी दिवाली पूजन विधि (Chhoti Diwali 2024 Pujan Vidhi)
छोटी दिवाली से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी के दिन एक लोटे में पानी भरकर रखा जाता है. नरक चतुर्दशी के दिन इस लोटे का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है. स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करें. ऐसा करने से मनुष्य द्वारा साल भर किए गए पापों का नाश हो जाता है.
इस दिन यमराज के निमित्त तेल का दीया घर के मुख्य द्वार से बाहर की ओर लगाएं. नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवताओं की पूजन के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर, घर के बाहर व कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रख दें. मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी जी सदैव घर में निवास करती हैं. इस दिन निशीथ काल में घर से बेकार का सामान फेंक देना चाहिए. मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के अगले दिन दीपावली पर लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती है, इसलिए गंदगी को घर से निकाल देना चाहिए.
छोटी दिवाली के खास उपाय
- इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा की जाती है.
- इस दिन पूरे घर में दीपक जलाएं और दक्षिण की तरफ मुख करके प्रार्थना करें. जिससे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
- नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है.
- इस दिन गायों की सेवा करें और उन्हें हरा चारा खिलाएं.
- छोटी दिवाली के दिन कुल देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए और उनके साथ पितरों के नाम का भी दीपक जलाना चाहिए.
- छोटी दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों कोनों पर तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का निवास होता है.
- इस दिन माता काली की भी पूजा करनी चाहिए. बंगाल में इस दिन को काली के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इसलिए, इसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है.
- इस दिन तिल के तेल से ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर की मालिश करनी चाहिए. इसलिए इसे रूप चतुर्दशी कहा जाता है.