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उदयपुर कांड: क्या होती है वो आफ्टर पार्टी, जिसमें CEO और महिला कर्मचारी ने पति के साथ मिलकर कार में किया मैनेजर से गैंगरेप

बर्थडे पार्टी के बाद आफ्टर पार्टी के नाम पर महिला मैनेजर को घर छोड़ने का भरोसा देकर कार में बैठाया गया. आमतौर पर आफ्टर पार्टी किसी कार्यक्रम के बाद होने वाली अनौपचारिक मीटिंग होती है, लेकिन आरोप है कि इसी बहाने रास्ते में स्मोक कराया गया और वह बेसुध हो गई. इसके बाद कार में गैंगरेप की वारदात हुई. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चार दिन की रिमांड पर लिया है.

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पुलिस ने कंपनी के CEO सहित तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार (Photo: Screengrab)
पुलिस ने कंपनी के CEO सहित तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार (Photo: Screengrab)

पहले होटल में सीईओ का जन्मदिन मनाया गया. केक कटा, जश्न हुआ और देर रात तक पार्टी चली. इसी जश्न के बीच ‘आफ्टर पार्टी’ का न्योता भी दिया गया, जिसे सामान्य औपचारिकता माना गया. किसी को अंदाजा नहीं था कि यही आफ्टर पार्टी एक महिला मैनेजर की जिंदगी का सबसे भयावह कहानी बन जाएगी.

पार्टी खत्म होने के बाद जब महिला मैनेजर को घर छोड़ने की बात आई, तो उसे कार में बैठाया गया. उस कार में पहले से कंपनी का सीईओ और महिला एग्जीक्यूटिव हेड का पति मौजूद थे. भरोसे और पद की आड़ में यह सफर आगे बढ़ा. आफ्टर पार्टी के नाम पर रास्ते में स्मोक खरीदा गया, कार में सभी ने स्मोक किया और इसके बाद ऐसी घटनाएं हुईं, उसे जिसने भी सुना वह दंग रह गया. अब इसी मामले में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हो चुका है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है. उदयपुर के सुखेर थाना क्षेत्र से सामने आया यह मामला ‘आफ्टर पार्टी’ जैसे शब्दों के पीछे छिपे खतरनाक सच को उजागर करता है.

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FIR में क्या-क्या दर्ज?

एफआईआर के मुताबिक, पीड़िता एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. 20 दिसंबर को कंपनी के सीईओ की बर्थडे और न्यू ईयर पार्टी का आयोजन शोभागपुरा स्थित एक होटल में किया गया था. पीड़िता रात करीब 9 बजे पार्टी में पहुंची. पार्टी देर रात तक चली और करीब 1:30 बजे कार्यक्रम औपचारिक रूप से समाप्त हुआ. पार्टी में कंपनी के सीईओ के साथ महिला एग्जीक्यूटिव हेड और उसका पति भी मौजूद थे. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पार्टी के दौरान देर रात उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और वह बेहोशी जैसी हालत में आ गई. इसी बीच कुछ लोग उसे घर छोड़ने की बात करने लगे, लेकिन तभी महिला एग्जीक्यूटिव हेड ने ‘आफ्टर पार्टी’ का प्रस्ताव रखा और उसे उसमें शामिल होने के लिए कहा.

आफ्टर पार्टी’ का न्योता और आगे की कहानी

एफआईआर के अनुसार, रात करीब 1:45 बजे पीड़िता को कार में बिठाया गया. कार में पहले से ही सीईओ और महिला एग्जीक्यूटिव हेड का पति मौजूद था. तीनों ने उसे घर छोड़ने का भरोसा दिलाया. रास्ते में एक दुकान से स्मोकिंग सामग्री खरीदी गई और पीड़िता को भी स्मोक करने के लिए कहा गया. स्मोकिंग के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई और वह पूरी तरह बेसुध हो गई. कुछ देर बाद जब पीड़िता को होश आया तो उसने आरोप लगाया कि सीईओ उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा था. इसके बाद सीईओ, महिला एग्जीक्यूटिव हेड और उसके पति ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के मुताबिक, वह लगातार खुद को बचाने और घर छोड़ने की गुहार लगाती रही, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक नहीं सुनी.

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सुबह तक चला सिलसिला

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि तड़के करीब 5 बजे उसे घर छोड़ा गया. घर पहुंचने पर भी वह पूरी तरह सामान्य नहीं थी. जब उसे पूरी तरह होश आया तो उसने पाया कि उसका एक इयरिंग, मोजे और अंडर गारमेंट्स गायब थे. उसके प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान थे, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई. मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी पीड़िता ने बाद में हिम्मत जुटाकर पुलिस का रुख किया.

कार के डैशकैम ने खोले राज

इस मामले में एक अहम मोड़ तब आया, जब पीड़िता और जांच एजेंसियों ने कार के डैशकैम के ऑडियो-वीडियो फुटेज की जांच की. एफआईआर के अनुसार, जांच में सामने आया कि कार में हुई पूरी घटना डैशकैम में रिकॉर्ड हो गई थी. फुटेज में सीईओ, महिला एग्जीक्यूटिव हेड और उसके पति की गतिविधियां कैद होने का दावा किया गया है. यही फुटेज जांच के लिए अहम सबूत माने जा रहे हैं.

पुलिस की कार्रवाई

सुखेर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के बाद त्वरित कार्रवाई की. पुलिस के अनुसार, प्राथमिक जांच और उपलब्ध सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है. पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर घटना के हर पहलू की गहन जांच कर रही है, जिसमें होटल पार्टी, आफ्टर पार्टी, कार की लोकेशन और अन्य तकनीकी साक्ष्य शामिल हैं.

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आफ्टर पार्टी क्या होती है?

इस पूरे मामले के बाद ‘आफ्टर पार्टी’ शब्द चर्चा के केंद्र में आ गया है. आम तौर पर आफ्टर पार्टी का मतलब किसी मुख्य कार्यक्रम या इवेंट के खत्म होने के बाद होने वाली दूसरी, अनौपचारिक पार्टी से होता है. आसान भाषा में समझें तो जन्मदिन, कॉन्सर्ट या किसी बड़े शो  के बाद जब कुछ करीबी लोग आपस में आराम से मिलते हैं. यहां भी खाना-पीना, संगीत, बातचीत या हल्की-फुल्की मस्ती होती है. लेकिन इस मामले में आरोप है कि इसी आफ्टर पार्टी के बहाने पीड़िता को एक ऐसी स्थिति में ले जाया गया, जहां उसके साथ गंभीर अपराध किया गया.

(इनपुट : उदयपुर से पकंज शर्मा)

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