राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों के लेकर सभी नेता अपने वोटरों को लुभाने में लगे हैं. वहीं, बीजेपी के पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसमें ओटाराम जातीय एकता की बात कर रहे हैं.
ओटाराम देवासी ने कहा कि कई सालों से हमने हर पार्टी को सहयोग दिया है. लेकिन इस बार हमें यह ध्यान रखा है कि पार्टी वार्टी कोई नहीं रबारी समाज एक ही रहेगा. भले ही रबारी समाज का कैंडिडेट किसी भी पार्टी से क्यों न जुड़ा हो. अपने समाज के लोगों को ही हर हाल में सपोर्ट करना है. यह वायरल वीडियो कितना पुराना है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.
रबारी समाज के शख्स को ही वोट देना, वीडियो वायरल
बताया जा रहा है कि रबारी समाज की यह मीटिंग जालोर के हरियाली स्कूल में होनी थी. क्योंकि इस स्कूल से समाज के 750 बच्चे सरकारी नौकरियों पर लगे हैं. कोई पुलिस विभाग में लगा तो कोई मास्टर और इस स्कूल बने अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. ऐसे ओटाराम देवासी का कहना है यहां मीटिंग करने से उनका मकसद यह था कि वो बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित कर सकें.
वीडियो वायरल के बाद ओटाराम देवासी ने दी सफाई
इस मामले पर सफाई देते हुए ओटाराम ने कहा कि समाज का मंच था, समाज के लोग थे. उसमें कुछ बीजेपी से तो कुछ कांग्रेस से जुड़े थे. इस पर मैंने कहा था कि जोधपुर के कार्यक्रम में समाज के सभी लोगों को मिलकर काम करना है. मैंने किसी पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा, मैं खुद बीजेपी से जुड़ा हूं. भारतीय जनता पार्टी ने मुझे जो दिया मैं उसकी भरपाई कभी नहीं कर सकता हूं. पार्टी अलग चीज है और समाज अलग. जिस तरह से हम पार्टी के लिए काम करते हैं, उसी तरह से हमें अपने समाज के लिए करना है.
रबारी समाज के धर्मगुरू भी हैं ओटाराम देवासी
इससे पहले भी समाज के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ओटाराम देवासी ने कहा था कि पार्टी नहीं समाज का व्यक्ति होना चाहिए वो भले किसी भी पार्टी से टिकट लाए उसे ही सपोर्ट करना है.
बता दें, ओटाराम राम देवासी अपने समाज के धर्मगुरु हैं और उनके लाखों फॉलोअर्स भी हैं. 2005 में उन्हें राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड का संयोजक बनाया गया था. इसके अलावा वो 2008 और 2013 में सिरोही से विधायक बने. पूर्व में बीजेपी सरकार में गोपालन मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने साल 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार ने 10 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था.